दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir hussain) की आत्मसमर्पण करने की याचिका ठुकरा दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. ताहिर पर खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा (Ankit sharma) की कथित हत्या के मामले में संलिप्त होने का आरोप है. अतिरिक्त मुख्य मेटोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने हुसैन की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसके द्वारा मांगी गई राहत इस अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
अदालत के हुसैन की याचिका खारिज करते ही परिसर में मौजूद दिल्ली पुलिस के दल ने उसे गिरफ्तार करके हिरासत में ले लिया. ताहिर ने अदालत में आत्मसमर्पण करने की याचिका दायर करते हुए कहा था कि वह मामले की जांच में सहयोग करना चाहता है और आत्मसमर्पण करने का इच्छुक है.
'हुसैन को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं'
हुसैन के वकील मुकेश कालिया ने अदालत में दलील दी कि हुसैन को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और वह कड़कड़डूमा अदालत की बजाय राउज़ एवेन्यू अदालत के समक्ष आत्मसर्पण के लिए याचिका दायर करने पर मजबूर है.
'सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 42 व्यक्तियों की जान गई है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं'
वकील ने कहा कि हुसैन को मामले में गलत फंसाया जा रहा है और उन्होंने उसकी जान-माल की सुरक्षा की मांग भी की. हुसैन के खिलाफ आईबी कर्मचारी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है जिसकी हत्या उत्तरपूर्वी दिल्ली में नये नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के दौरान हुई थी. दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने हिंसा में कथित संलिप्तता के लिये ताहिर हुसैन को निलंबित कर दिया था. दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 42 व्यक्तियों की जान गई है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं.