पिछले दिनों दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुई जबरदस्त हिंसा (Delhi Violence) के बाद हालात भले ही सामान्य होने लगे हैं लेकिन मौतों का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से 38 लोगों की मौत गुरु तेज बहादुर अस्पताल में हुई जबकि 3 लोगों की लोक नायक अस्पताल, 1 की जग परवेश चंदर अस्पताल और 4 लोगों की राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हुई है.
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अफवाह फैलाने के आरोप में कई लोग गिरफ्तार
बताया ये भी जा रहा है कि हिंसा फैलाने के आरोप में 167 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है जबकि 885 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार और हिरासत में ले लिया गया है. वहीं कई लोगों को अफवाह फैलाने के आरोप में भी पकड़ा गया है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली हिंसा के बाद बाहरी दिल्ली में 50 से ज्यादा फर्जी कॉल मिली जबकि द्वारका में 50 से ज्यादा फर्जी कॉल्स मिलीं. इसके बाद बाहरी दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों को और द्वारका में 70 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया.
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बता दें, दिल्ली में हिंसा (Delhi Violence) के बाद से पुलिस लगातार लोगों को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था का आश्वासन दे रही है हालांकि रविवार शाम एक घटना से लगता है कि उनका आश्वासन लोगों के मन में बैठे डर को अभी तक भगा भी नहीं पाया है. लोग अब भी डरे हुए हैं. दिल्ली के कई इलाकों में शाम सात बजे के आसपास हिंसा की अफवाह फैल गई. एहतियातन दिल्ली मेट्रो (DMRC) ने 7 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए. लोगों के बीच तेजी से खबर फैली कि ख्याला, राजौरी गार्जन समेत कई इलाकों में हिंसा हो रही है. कई लोगों ने गोलियां चलने की भी बात कही. इसके बाद अचानक ही लोग फिर से दहशत में आ गए.
इस अफवाह को लेकर ज्वाइंट सीपी वेस्टर्न रेंज ने कहा कि ख्याला इलाके में पुलिस सादे लिबास में सट्टा रैकेट पर रेड मारने गई थी. पुलिस को देखकर सट्टेबाज भागे तब पुलिस ने भी पीछा किया. इस भागमभाग को देख कुछ लोग भी आसपास भागने लगे. लोगों को लगा हिंसा हो गई है. पुलिस ने स्थिति संभाली और उन्हें तुरंत समझाया कि ये सट्टे की रेड है तब जाकर माहौल शांत हुआ. हालांकि, तब तक दहशत और अफवाह दोनों अपना काम कर गई थी और बाजारों में शटर गिर चुके थे.