गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के तहत निरुद्ध कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां ने निकाह करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत में 30 दिन की अंतरिम जमानत प्रदान करने की गुहार लगाई. इशरत जहां पर फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक प्रकरण के सिलसिले में उक्त मामला दर्ज किया गया है. अतिरिक्त सरकारी अभियोजक ने आरोपी की शादी के बारे में तथ्यों का सत्यापन करने के लिए और समय मांगा.
इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश परवीन सिंह ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख मुकर्रर की. वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई में सरकार की तरफ से अतिरिक्त सरकारी अभियोजक धरम चंद ने अदालत से कहा कि शादी के निमंत्रण पत्र की वास्तविकता का सत्यापन करना होगा. उन्होंने कहा कि तथ्यों का सत्यापन करना होगा क्योंकि जमानत अर्जी के मुताबिक निकाह दो साल पहले ही तय हो गया था.
यह भी पढ़ें-Delhi Riots: जाफराबाद दंगों की आरोपी पिंजड़ा तोड़ गैंग की मेंबर नताशा गिरफ्तार
इशरत को मिली सशर्त जमानत
वकील एस के शर्मा के जरिये दाखिल अंतरिम जमानत अर्जी में इशरत जहां ने कहा कि उनकी शादी 2018 में ही 12 जून 2020 के लिए नियत की गई थी. याचिका में कहा गया है कि यदि जमानत प्रदान की जाती है तो इशरत जहां किसी सबूत को नष्ट करने या गवाह को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगी.
यह भी पढ़ें-अजित जोगी: एक आदिवासी डीएम जो बना छत्तीसगढ़ राज्य का पहला सीएम
जामिया हिंसा मामले में आसिफ इकबाल तन्हा को मिली जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा से जुड़े मामले में गुरुवार को जमानत दे दी है. तन्हा की जमानत पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौरव राव ने तन्हा ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर दी. इसके अलावा कोर्ट ने इसपर भी गौर किया कि तन्हा एक छात्र हैं और अभी उनकी उम्र महज 24 साल ही है.