(रिपोर्ट - सुशील पांडे)
Delhi Violence: साल 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत नहीं मिली है. शाहरुख ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया. शाहरुख पठान ने दंगों के दौरान एक पुलिस सिपाही पर पिस्तौल तान दी थी. पठान पर दंगा करने, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले गैरकानूनी जमावड़े सहित कई अपराधों का आरोप है. पठान हिंसा के दौरान हेड-कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने और रोहित शुक्ला नामक व्यक्ति की हत्या की कोशिश के दो मामलों में आरोपी है. वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है.
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दिल्ली हाई कोर्ट में पठान के वकील ने कहा
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज कर दी. पठान के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि इस मामले में उसे अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, बशर्ते कि किसी को कोई चोट न पहुंचे और कहा कि पठान पहले ही चार साल जेल में बिता चुका है. मामले में दर्ज FIR 51/2020 शामिल है, जो आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा) और 307 (हत्या का प्रयास) शामिल हैं.
ये आरोप जाफराबाद दंगों से संबंधित हैं, जो शाहरुख पठान के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को उजागर करते हैं. 14 दिसंबर, 2023 को ट्रायल कोर्ट ने शाहरुख पठान की नियमित जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसे जमानत देने का कोई आधार नहीं मिला.
प्रदर्शनों के दौरान हुई थी गोलीबारी की घटना
कोर्ट ने हिरासत में उसके व्यवहार, अदालत में पेशी के दौरान और प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो फुटेज से पुष्टि करने वाले साक्ष्य को ध्यान में रखा. यह मामला CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी की घटना से जुड़ा है जिसमें एक प्रदर्शनकारी ने जाफराबाद में वर्दीधारी पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई थी. दंगों के बाद पुलिस ने घटनास्थल से KF 7.65 अंकित तीन खाली कारतूस बरामद किए.
फरवरी 2020 में नार्थ ईस्ट दिल्ली में CAA के विरोध प्रदर्शन की घटना
घटना के बाद शाहरुख पठान कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के शामली भागने से पहले दिल्ली में पुलिस से बचता रहा जहां उसे अंत में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान शाहरुख पठान ने खुलासा किया कि उसने जिस कार का इस्तेमाल किया वह उसके चाचा के बेटे की थी और खराब होने के बाद उसे हरियाणा के एक गैरेज में छोड़ दिया था. फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी.
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