Delhi Weather: दुनिया भर में क्लाइमेट चेंज का असर दिखाई दे रहा है. कुदरत की इस मार से भारत भी अछूता नहीं है. राजधानी दिल्ली में कहीं भारी बारिश हो रही है तो कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर एकदम सूखे जैसे हालात है. आखिर दिल्ली में क्यों बदल रहा है? बारिश का ये पैटर्न इस रिपोर्ट में जानिए. दिल्ली में कहीं झमाझम बारिश से जलजमाव? कहीं आसमान में बादल तो कहीं सूखा. दिल्ली में बारिश की आंख बिचौली के मायने क्या है? क्यों बदल रहा है दिल्ली में बारिश का पैटर्न? सोमवार सुबह दिल्ली के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई. दिल्ली के सिविल लाइन इलाके में बारिश से सड़कें पानी से लबालब हो गई. रफ्तार पर ब्रेक लग गया. लेकिन बारिश की ये तस्वीर सिर्फ उत्तर पश्चिमी दिल्ली में ही दिखाई थी. बाकी इलाकों में बारिश ने लोगों के साथ आंख मिचौली खेली.
बादल दिन भर छाये रहे लेकिन बरसे नहीं. दिल्ली में इस बार बारिश का यही पैटर्न देखने को मिल रहा है. दिल्ली में ही कहीं रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है तो कहीं बारिश के लिए लोग तरस रहे हैं. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बारिश का पैटर्न अब तक असामान्य दिखा है. 1 जून से 10 जुलाई के बीच पश्चिम दिल्ली में सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश हुई है, लेकिन उत्तर पश्चिम दिल्ली में सामान्य से 122 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. यानी पश्चिम दिल्ली में एक मिलीमीटर और उत्तर पश्चिम दिल्ली में 183 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं दक्षिण दिल्ली में अब तक सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है. दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में 11 फ़ीसदी कम. और मध्य दिल्ली में नौ फ़ीसदी कम बारिश हुई है. खास बात ये है की पश्चिम दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली के वेदर स्टेशन की दूरी स्थिर 12 किलोमीटर है और 12 किलोमीटर में ही बारिश के अलग अलग पैटर्न देखने को मिल रहे हैं.
दिल्ली एक छोटा सा राज्य है, उनमें भी जिलों के अंदर अंतर नजर आता है क्योंकि उत्तरी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली में बारिश ज्यादा है, लेकिन पश्चिमी और पूर्वी दिल्ली में कम है. दिल्ली के एक हिस्से में जब बारिश होती है. तो दूसरे हिस्से में धूप खिली होती है जो आम तौर पर हम सावन के महीने में या फिर मानसून में देखते थे कि पूरी जगह बादल होते हैं वो जगह नजर नहीं आ रही. हालांकि 27-28 जून को जब मानसून ने दस्तक दी थी तो एक ही दिन में 228.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो जून महीने के इतिहास में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिश थी. 10 जुलाई को ही पूरी दिल्ली में सामान्य 11 फ़ीसदी से ज्यादा बारिश हुई थी. मगर दिल्ली में बारिश सेलेक्टिव जगहों पर ही क्यों हो रही है? इसकी जो वजह वैज्ञानिक ने बताई है वो चिंता बढ़ाने वाली है. मौसम वैज्ञानिक का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग, वायु प्रदूषण, सतह के गर्मी का अंतर और हवा से सतह पर होने वाला घर्षण मिल कर दिल्ली के मौसम का मिजाज़ बिगाड़ रहे.
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Source : News Nation Bureau