दिल्ली सरकार ने दिल्ली में लॉकडाउन की संभावना से इनकार किया है. सरकार का मानना है कि लॉकडाउन से कोरोना को समाप्त नहीं किया जा सकता है. दिल्ली का स्वास्थ्य विभाग अधिक से अधिक कोरोना टेस्ट के जरिये इसकी रोकथाम का प्रयास कर रहा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है. हम लॉकडाउन लगाकर देख चुके हैं, लेकिन कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हो सका. हम कोरोना को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 90 हजार तक टेस्ट कर रहे हैं, जो देश की जांच औसत से 5 गुना अधिक है."
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दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों की जांच के लिए रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर रैंडम टेस्टिंग की जा रही है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली वालों से अपील की कि कोरोना केस बढ़ने का ठोस कारण अभी पता नहीं है. इसलिए हमें मास्क लगाने समेत बचाव के सभी उपायों का शत प्रतिशत पालन करना चाहिए.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना के 1534 पॉजिटिव केस थे और 1.8 प्रतिशत पॉजिविटी दर रही है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से 1.75 प्रतिशत पॉजिविटी दर चल रही है. दिल्ली में मौजूदा समय में पहले से थोड़ा अधिक कोरोना के केस आ रहे हैं.
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दिल्ली सरकार ने कोरोना केस को नियंत्रित करने के लिए टेस्ट की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ा दी है. दिल्ली में अब प्रतिदिन 85 से 90 हजार तक टेस्ट किए जा रहे हैं, जो देश की औसत जांच दर से करीब 5 गुना अधिक है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम आइसोलेशन भी कर रहे हैं और कंटेक्ट ट्रेसिंग भी कर रहे हैं. जो भी पॉजिविट केस आ रहे हैं, उनको आइसोलेट करने के साथ उनके संपर्क में आने वाले 30-30 लोगों के कंटेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं, ताकि कोरोना को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके.
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स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के कोविड अस्पतालों में अभी पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं. अभी कोविड अस्पतालों के 20 प्रतिशत तक बेड पर मरीज हैं और 80 प्रतिशत बेड खाली हैं. साथ ही बेड पर हमारी पूरी नजर हैं. यदि मरीजों की संख्या बढ़ती है और बेड कम पड़ते हैं, तो हम और भी कोविड बेड को बढ़ा देंगे.
उदाहरण के तौर पर, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कुल 500 बेड हैं और वहां पर अभी करीब 20 बेड पर मरीज हैं. इसी तरह, अस्पतालों में कोविड के आईसीयू बेड भी 20 प्रतिशत तक ही भरे हैं, बाकी बेड खाली हैं. एलएनजेपी अस्पताल में 300 बेड आईसीयू के हैं और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कुल 500 बेड में से 300 बेड आइसीयू के हैं.
दिल्ली में बड़ी संख्या में कोविड मरीजों के लिए आईसीयू बेड बनाए गए हैं. सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसके बावजूद कम पड़ता है, तो आइसीयू बेड भी बढ़ा दिए जाएंगे. हमने कभी भी मरीजों के लिए बेड की कमी नहीं होने दी है. जिस दिन करीब 8600 मरीज आए थे, तब दिल्ली के अंदर करीब 18,500 बेड थे और इसमें से करीब 8500 बेड खाली थे. दिल्ली सरकार मरीजों को बेड की कमी बिल्कुल नहीं होने देगी. अभी अस्पतालों में 80 प्रतिशत बेड खाली है. इसलिए अभी बेड बढ़ाने की जरूरत नहीं है.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली सरकार ने दिल्ली में लॉकडाउन की संभावना से इनकार किया है
- सरकार का मानना है कि लॉकडाउन से कोरोना को समाप्त नहीं किया जा सकता है
- दिल्ली में बड़ी संख्या में कोविड मरीजों के लिए आईसीयू बेड बनाए गए हैं