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EXCLUSIVE : परीक्षा लेना सरकार को नहीं आ रहा तो इसमें बच्चों की क्या गलती : मनीष सिसोदिया

 दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चा बचेगा तो ही तो प्रोफेशनल एग्जाम दे पाएगा. यह एक्जाम सिस्टम की नाकामी है कि हमें एक ही तरीके एग्जाम लेना आता है उसका भुगतान बच्चे क्यों भुगते हैं.

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Shailendra Kumar
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ANSHU PRAKASH CASE

मनीष सिसोदिया( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कोरोना संकट के बीच बच्चों की परीक्षा प्रभावित हो रही है. केंद्र सरकार सीबीएसई की परीक्षा करना चाहती है. जिसके लिए शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यों से 25 मई तक सुझव मांगा है. वहीं, इस बीच दिल्ली के दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि बात सिर्फ दिल्ली के बच्चों की नहीं बल्कि देश के 1 करोड़ 40 लाख बच्चों की है, जो 12वीं में है उन्हें 12वीं की परीक्षा के साथ-साथ जेई नीट जैसी परीक्षाएं दिलवाने की बात भी हो रही है. सवाल यह है कि जब देश में ढाई लाख रोजाना कोरोना केस आ रहे हैं और हजारों लोगों की मौत हो रही हैं और कहा जा रहा है कि बच्चों पर ज्यादा खतरा है तो ऐसे में हम अपने बच्चों की सलामती से क्यों रिस्क ले परीक्षा लेने के तरीके और भी हैं अगर हमें परीक्षा लेना नहीं आ रहा तो यह बच्चों की गलती नहीं है. हमें आऊट ऑफ बॉक्स (Out of the Box) सोचना होगा. सीवीआर (CVR) दुनिया के बहुत से देशों ने अलग तरीके अपनाए हैं हमें भी अपनाना चाहिए.

बच्चा बचेगा तो ही तो प्रोफेशनल एग्जाम दे पाएगा

दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चा बचेगा तो ही तो प्रोफेशनल एग्जाम दे पाएगा. यह एक्जाम सिस्टम की नाकामी है कि हमें एक ही तरीके एग्जाम लेना आता है उसका भुगतान बच्चे क्यों भुगते हैं पहले राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर बच्चों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम बनाएं 12वीं के बच्चों का लगा दे उसके बाद एग्जाम ले ले. 

दसवीं क्लास में बच्चे ने बोर्ड का एग्जाम दिया था

दसवीं क्लास में बच्चे ने बोर्ड का एग्जाम दिया था. 11वीं में कई परीक्षार्थी 12वीं में कई परीक्षार्थी उसने ऑनलाइन क्लासेस की हैं. ऑनलाइन यूनिट्स दी है प्री बोर्ड की परीक्षाएं दिए हैं बहुत सारे तरीके हैं फोन पर वायवा हो सकता है. इन सब के आधार पर बच्चे की नॉलेज को जाना जा सकता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने एक रास्ता निकाला है कि वह प्रश्न पत्र कॉपी ना कर पाए ऐसा डिजाइन किया गया है. प्रश्न पत्र और आंसर शीट और प्रश्न पत्र 5 दिन के लिए बच्चों को दे दिया गया है. यह बच्चा 12 साल से आपके पास है पहली बार तो आया नहीं है .

वैक्सीनेशन का पूरा मिसमैनेजमेंट हुआ है

मेरी अभिभवकों, बच्चों और शिक्षकों से बात हुई है किसी का भी नहीं मानना कि यह एग्जाम नही होने चाहिए बच्चों के हित में यह फैसला ले कर उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए. वैक्सीनेशन का पूरा मिसमैनेजमेंट हुआ है जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है पर बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ वैक्सीन लाना कोई बड़ी बात नहीं है अमेरिका में 5000 की वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों को लगाई जा रही है लेकिन केंद्र सरकार ने व्यक्त नेशन के प्रोग्राम को सीरियसली नहीं लिया और उसका मजाक बना दिया है.

विदेश मंत्री कुछ दिन पहले तक रोज ट्वीट करते थे कि हमने अपनी वैक्सीनेशन यहां भेज दी वहां भेज दी आज वह कह रहे हैं कि हम वैक्सीनेशन लेकर आएंगे आज यह काम अमेरिका ने नवंबर दिसंबर में कर दिया था. कल कई राज्यों ने कहा कि बच्चों को खतरा है क्योंकि राज्य बोर्ड तो अपने तरीके निकाल लेंगे मसला सीबीएसई का ज्यादा है और इतनी संख्या में बच्चे इकट्ठे होंगे तो खतरा तो है ही.

Source : News Nation Bureau

deputy-cm-manish-sisodia Delhi Deputy CM Manish Sisodia
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