Dr. Balveer S. Tomar: पहली बार है जब कोई भारतीय वर्ल्ड हेल्थ समिट के वैश्विक सम्मलेन में एक अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा. इसी के साथ पहली बार कोई भारतीय संस्थान, भारत में 2025 में वर्ल्ड हेल्थ समिट की मेजबानी भी करेगा. इस समिट के मुख्य संरक्षक जर्मन चांसलर, ओलाफ स्कोल्ज़, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति- इमैनुएल मैक्रॉन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं.
वर्ल्ड हेल्थ समिट वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच है. यह विश्व में वैश्विक स्वास्थ्य को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में बढ़ावा देता है और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन पहली बार भारत में होगा. इसमें दुनियाभर के करीब 3000 से अधिक पालिसी मेकर्स, राजनीतिज्ञ, नौकरशाह एवं पब्लिक हेल्थ से संबंधित वैज्ञानिकों शिरकत करेंगे.
तोमर ने आगे बताया कि इस समिट के आयोजन से विकसित भारत 2047 के लक्ष्य हो हासिल करने में सहयोग मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस समिट में अनेक विषयों जैसे डिजिटल हेल्थ, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हेल्थ साइंस में उपयोग, क्लाइमेट एंड हेल्थ, प्लेटनरी हेल्थ, हेल्थ एंड पीस, वैक्सीन डिप्लोमेसी की भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि यह समिट, G 20 में की गई स्वास्थ्य एवं ग्लोबल हेल्थ डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने में मिल का पत्थर साबित होगी .
जर्मनी में हुआ वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन
वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन बर्लिन (जर्मनी) में 13-15 अक्तूबर तक किया गया. जिसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस समिट में 40 से अधिक देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी शिरकत की. जिन्होंने विश्व में भरोसे से कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ाया जा सके विषय पर चर्चा की. समिट के पहले दिन उद्घाटन समारोह में डॉ टेड्रॉस ने समिट की थीम पर कहा कि विश्व में शांति ही सबसे बड़ा भरोसा हैं, बिना शांति के भरोसा नहीं जीता जा सकता. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओ में भी भरोसे का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल हैं. उन्होंने कहा कि जब तक चिकित्सक पर मरीज़ का भरोसा नहीं होता तब तक मरीज़ की बीमारी सही नहीं होती.
जानें कौन हैं प्रोफेसर बलवीर एस. तोमर
प्रो. बलवीर सिंह तोमर अपने बहुमुखी व्यक्तित्व के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम हैं. एक विश्व प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ हैं. वह निम्स विश्वविद्यालय, निम्स अस्पताल की के संस्थापक हैं. उन्हें राजीव गांधी पुरस्कार से बाल चिकित्सा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए भी सम्मानित किया जा चुका है. डॉ तोमर ने बच्चो में लिवर सिरोसिस जैसी बीमारी का इलाज खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. जिसके बाद बीमारी का समाधान भी तलाशा है.
डॉ. तोमर स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के संयोजन के लिए देश- विदेश में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उन्हें अनेक संस्थाओं से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.