कोरोना संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने निजी एम्बुलेंस चालकों की लूट और मुनाफाखोरी पर लगाम लगाते हुए दाम तय किए हैं. एम्बुलेंस चालक इन दामों से संतुष्ट है लेकिन चालकों के सामने कई दुविधाएं भी बढ़ गईं हैं. दिल्ली सरकार ने निजी एम्बुलेंस सेवाओं द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की सीमा 1,500 से 4,000 रुपये के बीच तय कर दी है. दिल्ली के एम्बुलेंस चालक इन दामों से सन्तुष्ट है लेकिन उनके सामने अब इस बात की परेशानी है कि यदि हम ऑक्सिजन सिलेंडर ब्लैक में 10 हजार रुपए का भरवाएंगे तो इन दामों से हमारा फायदा कैसे होगा ?
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हालांकि चालकों ने इस बात का भी जिक्र किया कि, एक दिन में एक एम्बुलेंस मुश्किल से 2 या 3 चक्कर लगाती है. इसके अलावा मरीज को लेकर अस्पतालों में एम्बुलेंस घण्टों तक खड़ी रहती है, इससे काफी नुकसान होता है. इस तरह से गाड़ी में तेल और चालक की तनख्वाह का खर्चा कैसे निकलेगा ? एलएनजेपी अस्पताल के बाहर खड़े एम्बुलेंस चालक बब्बू ने आईएएनएस को बताया कि, सरकार द्वारा दाम जो तय किए गए है वो बिल्कुल सही है. इन दामो के निर्धारित होने से मरीजों को भी राहत मिलेगी और हमें भी राहत है.
हमारा ड्राइवर अब ज्यादा दाम नहीं मांग सकेगा, दूसरी ओर अब दामों को लेकर हमसे कोई मरीज का परिजन बदसलूकी भी नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि, एक सिलेंडर दो या तीन मरीजों के ही इस्तेमाल में आ पाता हैं, उसके बाद सिलेंडर खत्म हो जाता है. यदि हम 20 या 25 हजार का सिलेंडर लाएंगे तो 1500 रुपए या 3 हजार में हमारा काम नहीं चलेगा. इस समस्याओं को लेकर दिल्ली सरकार को सोचना चाहिए. ऑक्सिजन सिलेंडर ब्लैक में बेचने वालों को सील करे. ताकि हमारा और आम नागरिक का नुकसान न हो.
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दरअसल दिल्ली में लगातार कोरोना महामारी में ऐसे मामले सामने आए जब एम्बुलेंस चालकों ने मरीज के परिजनों से कई अधिक पैसे वसूले. हाल ये होने लगा कि 2 किलोमीटर दूरी तय करने के एम्बुलेंस चालकों ने 8,500 रुपए परिजनों से मांगे. इतना ही नहीं एक मामले में तो एक एम्बुलेंस वाले ने 25 किलोमीटर जाने के लिए मरीज के परिजनों से 42 हजार रुपये ले लिए थे.
हमने इस मसले पर कुछ अन्य एम्बुलेंस चालकों से बात कर जाना कि सरकार द्वारा ये दाम कितने सही हैं. आरएमएल अस्पताल के बाहर खड़े एम्बुलेंस चालक मुकेश ने आईएएनएस को बताया कि, सरकार ने जो दाम तय किए है वो बेहद अच्छे है लेकिन यदि हमें ऑक्सिजन सिलेंडर मिल जाए तभी इसका लाभ होगा. उन्होंने बताया कि, ऑक्सिजन सिलेंडर मिलने में बेहद दिक्कत आ रही है, वहीं ब्लैक में भी सिलेंडर मिल रहे है लेकिन उनके दाम बहुत ज्यादा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बात का जिक्र किया था कि, दिल्ली में निजी एम्बुलेंस सेवाएं नाजायज रूप से अधिक रुपये वसूल रही हैं. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने निजी एम्बुलेंस सेवाओं की इस व्यवस्था पर रोक लगाने के लिए अधिकतम कीमतें तय की. मुख्यमंत्री ने आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही थी.
रेस्क्यू 101 नामक एम्बुलेंस सर्विस चलाने अभिलाष कुमार ने आईएएनएस को बताया कि, सरकार द्वारा तय किए गए दाम वाजिब है. बस एक समस्या है कि हमारे पास जो सप्लाई है वह महंगी हैं. सरकार ने 10 किलोमीटर के 1500 रुपये बोल दिए है लेकिन उसमें गाड़ी में तेल लगेगा और एक पीपीईटी 800 रुपये खरीद रहें हैं. अब इतने दामों में क्या कमाएंगे और क्या गाड़ी का खर्चा निकालेंगे ? महामारी के दौरान चालक 24 घंटे काम कर रहा है और हम उसके अनुसार उन्हें पैसा भी दे रहें हैं.
उन्होंने बताया, ऑक्सिजन सिलेंडर भरवाने के लिए दूर जाना पड़ता है उसमें पूरा एक दिन बर्बाद हो जाता है. जितनी सख्ती हमारे ऊपर बरती जा रहीं है उतनी ही सख्ती उनके ऊपर भी बरती जाए तो हमें चीजें मुहैया करा रहे हैं.
नए आदेशों के बाद अब दिल्ली में पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस के लिए प्रति 10 किलोमीटर 15 सौ रुपए किराया लिया जा सकेगा. 10 किलोमीटर से ज्यादा जाने के लिए 100 रुपये प्रति किलोमीटर देना होगा. वहीं बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का इस्तेमाल करने पर शुरूआती 10 किलोमीटर के लिए 2000 रुपये किराया देना होगा. इसके बाद 100 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से एंबुलेंस का किराया देना होगा.
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जिसमें कि डॉक्टर का चार्ज भी शामिल है, उसके लिए प्रति 10 किलोमीटर का किराया 4000 रुपये तय किया गया है. 10 किलोमीटर के बाद इस एंबुलेंस सेवा के लिए भी 100 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से किराया देना होगा.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने निजी एम्बुलेंस रेट फिक्स कर दिया है
- चालकों की लूट और मुनाफाखोरी पर लगाम लगाते हुए दाम तय किए हैं
- एम्बुलेंस चालक इन दामों से संतुष्ट है लेकिन चालकों के सामने कई दुविधाएं भी बढ़ गईं हैं