दिल्ली के मुख्यमंत्री अरबिंद केजरीवाल के आवास पर 'आप' की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के मामले में सीएम के निजी सचिव बिभव कुमार को तीस हजारी कोर्ट से राहत नहीं सकी है. अदालत के आदेश से पहले ही उनकी गिरफ्तारी हो गई. इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण को लेकर दाखिल अंतरिम जमानत अर्जी निष्प्रभावी हो गई. इस गिरफ्तारी के कारण सारा खेल बिगड़ा. तीस हजारी कोर्ट ने सभी पक्षों की दीलल सुनने के बाद ये निर्णय लिया. कोर्ट ने कहा कि एडिशनल पब्लिक प्रासीक्यूटर ने अदालत को बताया कि बिभव कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में अब अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है.
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कोर्ट ने अपने आदेश में बिभव कुमार की गिरफ्तारी की टाइमिंग को दर्ज किया. ये गिरफ्तारी शाम 4.15 बजे के करीब हुई. दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के सूत्रों ने कानूनी ट्बिस्ट देते हुए कहा कि हमारी तरफ से कोई भी याचिका कोर्ट में दाखिल नहीं की गई. हमने अधिकारिक एफआईआर की कॉपी को देने के लिए एक आवेदन किया. पुलिस ने बिना किसी नोटिस के बिभव कुमार को पकड़ा. यह बात हम कोर्ट में उठाने वाले हैं.
किसी तरह का नोटिस इस केस में आरोपी को नहीं दिया
कोर्ट में इससे पहले बिभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने दलील दी कि वो 12 बजे से पुलिस स्टेशन में हैं. उनकी गिरफ्तारी की आशंका है. उन पर बिभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें किसी तरह की ऐसी कोई धारा नहीं लगी है, जिसमें 7 साल से ज्यादा की सजा संभव हो. उन्होंने कहा कि किसी तरह का नोटिस इस केस में आरोपी को नहीं दिया गया. बिभव 4 घंटे से पुलिस स्टेशन में हैं.
बिभव अपने आप से मारपीट क्यों शुरू करेगा?
इस बीच वरिष्ठ वकील राजीव मोहन भी बिभाव की पैरवी को लेकर अदालत पहुंचे. उन्होंने कोर्ट में दलील रखी कि सीएम आवास पर कोई इस तरह की हरकत क्यों करेगा. स्वाति मालीवाल की ओर से लगे आरोप समझ से परे हैं. ऐसे में बिभव अपने आप से मारपीट क्यों शुरू करेगा? वकील ने दलील दी कि सैकड़ों लोग यहां पर मौजूद थे. अगर वाकई स्वाति के संग मारपीट की होती तो वो चिल्लातीं. ऐसा हो सकता है कि कोई उनकी चीख पुकार न सुनता. जहां पर ये घटना घटी वहां पर CCTV कैमरा लगा था. वकील ने सवाल उठाया कि सीएम से मिलने के लिए पहले से इजाजत लेना होती है. मगर स्वाति मालीवाल सीधे सीएम आवास में पहुंचीं. ये सुरक्षा में सेंध की तरह है.
Source : News Nation Bureau