कृषि कानून पर किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है. ऐसे में सिंधु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर हर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा इंतजाम किए गए हैं. बॉर्डर पर पत्थरों के बड़े बड़े ब्लाक, बैरिकेड्स और कटीली तारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सब के बीच सिंधु बॉर्डर पर मिट्टी से भरे डंपर ट्रकों को भी रखा गया है. हालांकि इन डंपर ट्रकों के मालिक बेहद परेशान हैं और इस बात को लेकर चिंतित है कि यदि भविष्य में ये प्रदर्शन उग्र हुआ तो डंपरों को नुकसान पहुंचेगा. वहीं इस नुकसान का कोई क्लेम भी नहीं मिलेगा.
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दरअसल मालिकों के अनुसार प्रशासन ने इन डंपरों को जबरदस्ती उठवाया है और बॉर्डर पर इन्हें खड़ा किया गया है. सिंधु बॉर्डर पर इन डंपरों को हाइवे के बीचों बीच खड़ा किया गया है, इसके साथ कुछ लोहे के कंटेनरों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. सिंधु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसानों ने धरना दिया हुआ है. वहीं किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर भी आये हैं. यही वजह है कि पुलिस ने जगह जगह बंदोबस्त किए हैं.
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प्रदर्शन के शुरूआती दौर में देखा गया था कि पुलीस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की मदद से हटा दिया था. वहीं एहतियात के तौर पर पुलिस ने बैरिकेड्स पर कटीली तारों और बड़े-बड़े पत्थर हाइवे पर रख दिये हैं.
सोमवार को सिंधु बॉर्डर पर खड़े डंपर मालिक ने बताया, "हमें सूचना नहीं दी गई थी ये जबरजस्ती ले जाए गए हैं. ट्रांसपोर्टर सबसे सॉफ्ट टारगेट होता है. पुलिस प्रशासन अपनी मर्जी से नियम बना लेता है. मेरे बॉर्डर पर तीन डंपर ट्रक खड़े हुए हैं और इससे भविष्य में कोई फायदा नहीं मिलता. भगवान ने करे कल कोई हादसा हो गया तो हमें इसका कोई क्लेम भी नहीं मिलेगा. हम तो यही चाहते हैं कि सब शांति से निपट जाए. ये सब लिखित में नहीं होता, कल कोई बात हो गई तो पुलिस तो पल्ला झाड़ लेगी." हालांकि मंगलवार को जब इनसे दोबारा बात हुई तो उन्होंने बताया कि मेरा एक डंपर ट्रक छोड़ दिया गया है वहीं अभी भी 2 डंपर ट्रक खड़े हुए हैं.
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दरअसल, सिंधु बॉर्डर पर मंगलवार को एक नया डंपर ट्रक देखा गया हालांकि जब उसके मालिक से बात हुई तो उन्होंने आईएएनएस को सूचना दी कि, "मंगलवार को आजादपुर से मेरी गाड़ी आ रही थी और उन्होंने जबरदस्ती गाड़ी को उठा लिया, मैं फिलहाल अभी जहांगीरपुरी थाने से ही आ रहा हूं और मुझे बोला गया है कि बुधवार सुबह 6 बजे आपकी गाड़ी छोड़ देंगे. साथ ही हमें इसका कोई किराया भी नहीं दिया गया है." बुधवार सुबह जब इनसे दोबारा बात की गई तो मालूम चला कि पुलिस ने उन्हें डंपर वापस ले जाने से मना कर दिया.
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हालांकि इस मसले पर पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि, "हमने मिट्टी से भरे हुए डंपर छोड़ दिए हैं और कुछ कंटेनर हैं जो हमने किराए पर लिए हुए हैं." दरअसल इन डंपर ट्रकों को महीना भर हो गया है और ये इसी तरह हाइवे के बीचों बीच खड़े किए गए हैं.
Source : IANS