ई-फार्मेसी (E-Pharmacy) औषधि का भंडारण (Stock of Medicines) नहीं कर सकते और उन्हें खाना पहुंचाने वाले प्लेटफॉर्म स्विगी और जोमैटो की तरह खुदरा दवा दुकानों से ग्राहकों तक दवा पहुंचाने के लिए काम करना होगा. दवाओं की ऑनलाइन बिक्री (Online Selling of Medicines) के लिए संशोधित मसौदा नियमन में ये बातें कही गयी है . मसौदा नियमन खुदरा दवा दुकानों को भी ग्राहक के घर पर दवा पहुंचाने का अधिकार देगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के एक अधिकारी ने बताया कि खुदरा दवा विक्रेता अपने संबंधित इलाके में अभी भी दवाओं की आपूर्ति करते हैं, लेकिन संशोधित नियमन लागू हुआ तो उन्हें औपचारिक रूप से ऐसा करने की इजाजत होगी.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मसौदा नियमन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जबकि औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी नियामकों को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक ऑनलाइन फार्मेसी द्वारा दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने को कहा है .
अदालत ने दिसंबर 2018 में जहीर अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए ई-फार्मेसी के नियमन के लिए सरकार के मसौदा नियम बनने तक दवाओं की अवैध या बिना लाइसेंस की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था.
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पिछले सप्ताह डीसीजीआई ने आदेश में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सभी दवा नियामकों को अदालत का निर्देश लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा. वर्तमान में ऑनलाइन फार्मेसी देश में बिना दवा लाइसेंस के चल रहे हैं और इस सेक्टर के लिए कोई नियम नहीं हैं. अधिकारियों का कहना है कि देश इस तरह के करीब 50 फार्मेसी हैं.
HIGHLIGHTS
- ई-फार्मेसी (E-Pharmacy) औषधि का भंडारण (Stock of Medicines) नहीं कर सकते.
- ई-फार्मेसी को खाना पहुंचाने वाले प्लेटफॉर्म स्विगी और जोमैटो की तरह खुदरा दवा दुकानों से ग्राहकों तक दवा पहुंचाने के लिए काम करना होगा.
- दवाओं की ऑनलाइन बिक्री (Online Selling of Medicines) के लिए संशोधित मसौदा नियमन में ये बातें कही गयी है.