कथित शराब घोटाला के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. केजरीवाल की याचिका के विरोध में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. अपने हलफनामे में निदेशालय ने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद ही गिरफ्तार किया गया था. ED का कहना है कि केजरीवाल को जांच में सहयोग करने के सिलसिले में पूछताछ को नौ बार समन जारी किया गया. नौ समन के बाद भी अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए. वे पूछताछ से बचते हुए दिखाई दिए.
170 से अधिक मोबाइल फोन बदले
ईडी का कहना है कि इस बीच सीएम ने करीब 170 से अधिक मोबाइल फोन बदले. इसे नष्ट किए. ED ने केजरीवाल की सभी दलीलों को नकार दिया. अर्जी में आरोप लगाया गया कि चुनाव के समय गिरफ्तार करके उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने का प्रयास हो रहा है.
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केजरीवाल की दलील पर ईडी ने किया काउंटर
ईडी कहा कि कोई कितने भी बड़े पद पर हो, अगर उसके खिलाफ ठोस सबूत हैं तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. अगर इस तरह की दलील को मान लिया जाता है तो फिर अपराध मे शामिल राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट मिल जाएगी.
क्या है केजरीवाल की याचिका?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका के खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत कार्रवाई से इनकार कर दिया था. इसे केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी याचिका में केजरीवाल को तर्क दिया कि अगर उन्हें आगामी चुनाव में भाग लेना है. अगर उन्हें तुरंत रिहा नहीं किया जाता है तो इससे विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने की गलत परंपरा सामने आएगी. ऐसा कहकर याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई.सीएम ने कहा कि ये याचिका आपातकालीन परिस्थिति में दायर की गई है. याचिका में केजरीवाल मे ईडी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए.
Source : News Nation Bureau