प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फोर्टिस के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. ED ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है. वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offence Wing) ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार कर उसे तिहार जेल में कैद कर दिया था.
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वहीं गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने शिविंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुलशन कुमार ने कहा कि सिंह के न्याय से भागने और सुनवाई को प्रभावित करने की पूरी संभावना थी. आरएफएल के धन की हेराफेरी कर उसे अन्य कंपनियों में निवेश करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सिंह के भाई मलविंदर (46), सुनील गोधवानी (58), कवि अरोड़ा (48) और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया था. मलविंदर भी फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक थे.
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आरएफएल के मनप्रीत सूरी से शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मार्च में प्राथमिकी दर्ज की थी. आरोप था कि इन्होंने कंपनी का प्रबंधन करने के दौरान कर्ज लिया था, लेकिन धन को अन्य कंपनियों में निवेश कर दिया था. पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्होंने वित्तीय आधार नहीं रखने वाली खुद के नियंत्रण में मौजूद कंपनियों को कर्ज की रकम वितरित कर आरएफएल को खराब वित्तीय हालत में पहुंचा दिया. जिन कंपनियों को कर्ज की रकम दी गई उन्होंने जानबूझकर पैसों का भुगतान नहीं किया, जिससे आरएफएल को 2,397 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जमानत याचिका खारिज होने के बाद शिविंदर सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया है. अब ईडी अपने हिसाब से पूछताछ करेगी.
Source : News Nation Bureau