मौलाना मुहम्मद साद की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कुंडली तैयार कर ली है. निजामुद्दीन मरकज के दस साल के खातों को खंगालने पर कई ऐसे काले पन्ने मिले हैं जो साद पर शिकंजा कसने के लिए काफी हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी को दंगे के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के प्रबंधक फैसल फारूकी से जुड़े कुछ सुबूत भी मिले हैं. यही वजह है कि ईडी ने पिछले कुछ दिनों में ही ताहिर व उससे जुड़े अन्य लोगों के यहां दो बार छापे मारे हैं.
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ईडी को मिले संपत्ति के सबूत
जांच में पता चला है कि कुछ सालों में मौलाना मुहम्मद साद, ताहिर हुसैन और फैसल फारूकी ने अकूत संपत्ति हासिल कर ली. मौलाना साद की बेनामी सम्पत्तियों के अहम सुराग ईडी को मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक दंगे के मास्टर माइंड फैसल फारूकी के राजधानी पब्लिक स्कूल की आलीशान इमारत में मौलाना मुहम्मद साद का पैसा लगा है. यही नहीं फैजल के एक दूसरे स्कूल सहित कई और संपत्तियों में भी मौलाना साद ने अपने कालेधन का निवेश अलीम के जरिये किया है. अलीम साद का रिश्तेदार है और विदेशी फंडिंग से लेकर मरकज से जुड़ा पूरा वित्तीय लेनदेन उसी के माध्यम से होता है. अलीम और फैजल फारुख के बीच दंगे के दौरान बार-बार बात होने के सुबूत भी जांच एजेंसियों को काल डिटेल में मिले हैं.
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अलीम की भतीजी की शादी मौलाना साद के बेटे के साथ होने के बाद वह मरकज में रहने लगा. इसके बाद साद ने मरकज के प्रबंधन का सारा काम भी उसे ही सौंप दिया. क्राइम ब्रांच के अलावा स्पेशल सेल व प्रवर्तन निदेशालय भी इन तीनों की जांच कर रहा है. ऐसे में अब जांच एजेंसियां फैसल और मरकज से जुड़े हुए खातों की जांच में जुटी हुई हैं. जाकिर नगर की जिस आलीशान कोठी में मौलाना साद पिछले तीन महीने से छिपा हुआ है वो कोठी वैसे तो अलीम की है, लेकिन जांच एजेंसियों का दावा है कि इसमें पूरा पैसा मौलाना साद का ही लगा हुआ है. इसी तरह कई जगहों पर भी उसकी करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति है.
Source : News Nation Bureau