पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए दिल्ली दंगों के आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन की सदस्यता खत्म कर दी है. नगर निगम ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि, ताहिर हुसैन की वार्ड संख्या 59-ई से पार्षद की सदस्यता खत्म कर दी है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 26 अगस्त को इस बारे में फैसला लिया था.
बता दें, आम आदमी पार्टी की टिकट पर पार्षद का चुनाव जीतने वाले ताहिर हुसैन को इससे पहले पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था. इससे पहले बीजेपी (BJP) ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को बचाने का आरोप लगाया था. कड़कड़डूमा कोर्ट की ओर से दिल्ली दंगों (Delhi Violence) के पीछे ताहिर हुसैन की मुख्य भूमिका होने की बात कहने के बाद बीजेपी ने केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार पर निशाना साधा था.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़काने और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में कार्यरत अंकित शर्मा मर्डर केस में आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन को कोर्ट ने मुख्य आरोपी माना है लेकिन दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन व उसकी गैंग को केजरीवाल सरकार बचा रही है.
अदालत ने भी दिल्ली हिंसा में संलिप्तता स्वीकारी
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का टुकड़े-टुकड़े गैंग और अब ताहिर हुसैन के समर्थन से लगता नहीं है कि दिल्ली सुरक्षित है. दरअसल, कड़कड़डूमा कोर्ट ने इंटेलीजेंस ब्यूरो कर्मी अंकित शर्मा की हत्या को लेकर दायर चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए ताहिर हुसैन को दंगे का मुख्य आरोपी माना था. कोर्ट ने कहा था कि ताहिर हुसैन ने सुनियोजित तरीके से दंगे कराए और उसने भीड़ का नेतृत्व किया। लोगों को भड़काने के कारण दंगे हुए. अदालत ने यह भी कहा था कि ताहिर हुसैन ने दंगे की साजिश रचने के लिए अपने घर की छत का इस्तेमाल भी किया.