कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चौथे चरण में मिली रियायतों के बाद तमाम व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियां शुरू होने के साथ ही राजधानी दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और अनुमान है कि जुलाई में यह 7,500 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगी. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में इस साल जुलाई में बिजली की मांग पिछले साल के इसी महीने की मांग 7409 मेगावाट के मुकाबले ज्यादा होगी.
यह भी पढ़ेंः ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर में लगे गुमशुदगी के पोस्टर, खोजने वाले को 5100 रु. के इनाम का ऐलान
उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल मई में दिल्ली में बिजली की मांग कम है, लेकिन उसमें तेजी से वृद्धि हो रही है. 17 मई को लॉकडाउन 3.0 समाप्त होने के बाद से मांग बढ़ने लगी और रियायतें मिलने के बाद इसमें और वृद्धि हुई. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में 23 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के कारण दिन में बिजली की मांग मे कमी आयी क्योंकि सभी व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद हो गए.
यह भी पढ़ेंः चीन की शह पर अब नेपाल के बिगड़े सुर, भारत से लगी संवेदनशील सीमा पर बना रहा सड़क
उन्होंने बताया कि व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियां बंद होने से इस दौरान बिजली की मांग में 70 से 90 प्रतिशत की कमी आयी. उनका कहना है कि इस दौरान दिल्ली में बिजली की घरेलू मांग में कोई कमी नहीं आयी, वास्तव में उसमे कुछ वृद्धि ही हुई. शहर की कुल बिजली मांग का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू मांग है.
Source : Bhasha