दिल्ली में अब मौसम बदल रहा है. सितंबर माह लगते ही अब तापमान गिरने लगा है. लोग ठंड का इंतजार कर रहे हैं, मगर हर साल सर्दियों में राजधानी में प्रदूषण बढ़ जाता है. वार्तावरण में हल्की धुंध छाने लगती है. दिवाली आने तक राजधानी के आसपास के इलाकों में किसान पराली जलाने लगते हैं. इसकी वजह से वातावरण में प्रदूषण फैलने लगता है. इसके साथ हवा का बहाव कम होने के कारण भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. इससे निपटने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. आप सरकार विभिन्न पार्टियों से इससे निपटने के लिए सुझाव मांग रही है.
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बीजेपी और कांग्रेस के अध्यक्षों से सुझाव मांगे
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को कम करने के प्रयासों को और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली बीजेपी और कांग्रेस के अध्यक्षों से सुझाव मांगे हैं. दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि वे दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में सहायक किसी भी सकारात्मक सुझाव को साझा करें. इस तरह से उन्हें शीतकालीन कार्य योजना में शामिल किया जा सकेगा.
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बीते दिनों पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को लेकर कहा कि प्रदूषण सबके सहयोग से कम हो सकता है. विरोध से नहीं हो सकता. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने प्रदूषण को कम करने को लेकर तमाम वादे पर काम किया है. इसका असर दिखाई दे रहा है. पिछले वर्षों के मुकाबले दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है. मगर नवंबर के माह में प्रदूषण का स्तर काफी ऊपर हो जाता है.
आर्टिफिशियल रेन को लेकर मांगा सहयोग
प्रदूषण से निपटने को लेकर आईआईटी कानपुर ने दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन कराने का सुझाव दिया है. इस आर्टिफिशियल रेन को लेकर हमने केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है. इसमें केंद्र सरकार के कई विभागों की मंजूरी की जरूरत है. ये मंजूरी केंद्र सरकार ही दे सकती है. उन्होंने बताया, दिल्ली में 2023 में 2016 के मुकाबले AQI का स्तर सुधरा है. 2016 में अच्छी हवा के 110 दिन थे.वहीं 2023 में अच्छी हवा के 206 दिन हैं.