न्यूज नेशन के स्टिंग 'ऑपरेशन लाइफलाइन' का बड़ा असर हुआ है। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टिंग की सीडी को आधार मानते हुए इस मामले में दायर एक दंपति की याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार सहित स्टिंग में दिखाए गए सभी पांचों अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
मामले में याचिकाकर्ता दंपति ने स्टिंग के आधार पर अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की न्यूज़ नेशन पोल खोली तो पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। मामला गरमाया तो उपराज्यपाल ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए।
न्यूज नेशन ने स्टिंग ऑपरेशन में दिल्ली के अस्पतालों में लापरवाही को लेकर बड़ा खुलासा किया था और इस स्टिंग ऑपरेशन को आधार बनाकर दिल्ली के रहने वाले संदीप कुमार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2018 में होगी। संदीप का कहना है कि न्यूज नेशन के स्टिंग की सीडी की बिनाह पर ही वो अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
और पढ़ें: साकेत के अस्पताल में नाइजीरियाई लोगों के बीच खूनी झड़प
संदीप कुमार ने दिल्ली के अस्पतालों खिलाफ याचिका दी थी। जिसमें संदीप कुमार ने दावा किया कि साल 2015 में उनकी पत्नी की डिलिवरी हुई राजधानी के जीटीबी असप्ताल में हुई थी। लेकिन लापरवाही के चलते उनके बच्चे की जान चली गई।
संदीप का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते समय पर उनकी पत्नी को इलाज नहीं मिल सका और जब बच्चे की धड़कन कम होने लगी थी। तब भी डॉक्टरों ने कोई ऐक्शन नहीं लिया।
संदीप का दावा है कि इमरजेंसी होते हुई भी डॉक्टरों ने ऑपरेशन नहीं किया। तब डॉक्टरों ने ओटी टेबल खाली नहीं होने की बात कही थी। इसका अंजाम ये हुआ कि बच्चे की मौत हो गई।
न्यूज नेशन ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए अस्पतालों के हालात दिखाए हैं। जिसके बाद संदीप को इंसाफ की उम्मीद जगी और वो स्टिंग ऑपरेशन की सीडी के साथ हाईकोर्ट के पास पहुंच गए।
अब हाईकोर्ट ने इस सीडी पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, एलजी, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, डीडीयू, एलएनजेपी, जीटीबी हॉस्पिटल, गोबिंद बल्लभ पंत अस्पताल और अम्बेडकर हॉस्पिटल से जवाब मांगा है।
और पढ़ें: रेस्तरां में खाना होगा सस्ता!, GoM ने 12% GST की सिफारिश की
Source : News Nation Bureau