दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नये कृषि कानूनों को ‘किसान विरोधी और आम आदमी विरोधी’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इनसे बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी और इससे केवल कुछ पूंजीपतियों को फायदा होगा. प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के दफ्तर में एक दिन के अनशन में शामिल हुए केजरीवाल ने कहा कि नये कृषि कानून ‘महंगाई को लाइसेंस’ देने वाले हैं. किसान नेताओं ने सोमवार को केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ एक दिन की भूख हड़ताल की और कहा कि बाद में शाम को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे.
यह भी पढ़ेंःकृषि मंत्री तोमर ने फिर दोहराया, हम किसानों से बातचीत के लिए तैयार, भेजे प्रस्ताव
केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह कानून कहता है कि लोग जितना चाहें, जमाखोरी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैं पार्टियों से किसानों के मुद्दे पर गंदी राजनीति नहीं करने की अपील करता हूं. ये कानून किसान विरोधी और आम आदमी विरोधी हैं और कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं. इन कानूनों से जमाखोरी के जरिये बहुत महंगाई बढ़ेगी.
केजरीवाल ने कहा कि ये ‘किसान विरोधी’ कानून न केवल किसानों के लिए विनाशकारी हैं बल्कि भारत के सभी नागरिकों के लिए भी बहुत खतरनाक हैं. उन्होंने कहा कि इन कानूनों के बाद रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने लगेंगे। इन कानूनों ने महंगाई का लाइसेंस दिया है. हम कह सकते हैं कि इन कानूनों ने महंगाई को कानूनी जामा पहना दिया है.
यह भी पढ़ेंःJio का Airtel और Vodafone Idea पर आरोप- किसान आंदोलन की आड़ में कर रहे ये झूठा प्रचार
केजरीवाल ने कहा कि हम जानते हैं कि कई कारोबारी अवैध तरीके से प्याज और अन्य जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी करते हैं. इससे महंगाई बढ़ती है. उन्होंने कहा कि ये कानून कहते हैं कि बेहिसाब जमाखोरी की जा सकती है. केजरीवाल ने कहा कि हर धर्म में जमाखोरी पाप है और गैरकानूनी है। इस कानून से अगर जमाखोरी वैध हो जाएगी तो अमीर लोग और जमाखोरी शुरू कर देंगे और महंगाई बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इन कानूनों की वजह से गेहूं आने वाले सालों में चार गुना महंगा हो जाएगा.
Source : Bhasha