केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर डटे रहे. हालांकि, किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में एक स्थान की पेशकश की गयी थी. सीमा बिंदुओं पर एकत्र किसानों ने शनिवार की रात को वहीं पर रुकने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने अपनी अगली कार्यवाही के बारे में निर्णय लेने के लिए रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है.
भारतीय किसान यूनियन कड़िया की जालंधर इकाई के अध्यक्ष बलजीत सिंह महल ने कहा, ‘‘आज हमने एक बैठक की और यह फैसला लिया कि हम यहां (सिंघू बार्डर) पर डटे रहेंगे. कल पूर्वाह्न 11 बजे एक और बैठक होगी और तब तक हम सिंघू बार्डर पर ही रहेंगे.’’ सिंघू बॉर्डर पर पहले से मौजूद किसानों के अलावा पंजाब और हरियाणा से और किसान भी यहां पहुंच गए, जिससे एकत्र किसानों की संख्या बहुत बढ़ गई.
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उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के सबसे बड़े मैदानों में से एक संत निरंकारी ग्राउंड की तरफ जाने से इनकार कर दिया. प्रदर्शनकारी किसानों को उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन मिला, जो शनिवार की अपराह्न अपने वाहनों के साथ गाजीपुर बार्डर पर एकत्र हुए थे. इससे पूर्व दिन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तर रेंज) सुरेंद्र सिंह यादव ने सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और उसके बाद संवाददाताओं को बताया कि उत्तर दिल्ली के मैदान में करीब 600 से 700 किसान पहुंचे हैं.
यादव ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने निर्दिष्ट प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि और किसान वहां पहुंचेंगे. शनिवार को सुबह, पंजाब और हरियाणा के प्रदर्शनकारी किसान सिंघू बॉर्डर पर एकत्रित हो गए और आगे की कार्यवाही पर फैसला करने के लिए उन्होंने बैठक की. एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघू बॉर्डर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘हम यहीं (सिंघू बॉर्डर पर) प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम घर वापस नहीं जाएंगे. पंजाब और हरियाणा से हजारों किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए हैं.’’ एक अन्य किसान ने कहा, ‘‘हम प्रदर्शन स्थल पर नहीं जाएंगे और अपना प्रदर्शन राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही जारी रखेंगे.’’ शुक्रवार को सैकड़ों किसानों ने संत निरंकारी ग्राउंड पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश किया था.
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे सिंह जेठुके ने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से आंदोलन के लिए जंतर-मंतर पर जगह देने का आग्रह करते हैं. हम किसी भी कीमत पर बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे.’’ शुक्रवार शाम से टिकरी सीमा पर डेरा डाले बैठे सुखविंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम अपना प्रदर्शन यहीं पर जारी रखेंगे. हम यहां से नहीं हटेंगे. हरियाणा से अभी और भी किसान यहां आने वाले हैं, वे रास्ते में हैं.’’
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यह पूछे जाने पर कि दिल्ली पुलिस द्वारा इजाजत देने के बावजूद वे दिल्ली में प्रवेश क्यों नहीं कर रहे, इस पर सिंह ने कहा, ‘‘बुराड़ी में उन्होंने जो मैदान दिया है, हम वहां नहीं जाना चाहते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जंतर-मंतर जाकर वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. बैठकें चल रही हैं और जब तक अगले कदम का फैसला नहीं हो जाता, तब तक हम यहां सीमा पर ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहेंगे.’’
टिकरी सीमा पर तो किसान भोजन पकाने के लिए बर्तन समेत रूकने की अन्य व्यवस्था भी करके आए हैं. इस बीच, किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिये जाने से शनिवार को दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंघू बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है.
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उसने ट्वीट किया ‘‘टिकरी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. हरियाणा जाने के लिए झड़ौदा, दौराला, झटीकरा, बदुसारी, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और डौंडाहेरा बॉर्डर खुले हैं. ’’
यातायात पुलिस ने कहा कि सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मीनू चौधरी ने कहा, ‘‘ हम यात्रियों से सिंघू बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक, एनएच 44, जीटी करनाल रोड और बाहरी रिंगरोड की ओर यात्रा करने से बचने करने की अपील करते हैं.’’ केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को वार्ता के एक और दौर के लिए तीन दिसम्बर को दिल्ली आमंत्रित किया है.
Source : Bhasha