दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेज में फाइनेंशियल गड़बड़ी हो रही थी. इस पर सरकार सख्त है और इसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी को लेकर शिकायत मिली थी कि कुछ कॉलेज में फाइनेंशियल गड़बड़ी चल रही है. सरकार की ओर से फंड देने के बावजूद फंड की कमी हो रही थी. जिसके बाद हमने इस बारे में जानने की कोशिश की और पांच कॉलेज का ऑडिट कराया गया.
मनीष सिसोदिया ने आगे बताया कि ऑडिट में पता चला, सरकार इन्हें ज़रूरत से ज्यादा पैसा देती है, लेकिन ये स्टाफ़ को सैलरी नहीं देते थे. वो कहते थे कि सरकार से फंड़ नहीं मिल रहा है. ऑडिट में ये साफ हो गया है कि मनमाने तरीके से फंड को खर्च किया जाता था.
बिना सरकार के मंजूरी के नए पोस्ट पर हुई बहाली
उन्होंने आगे बताया कि नई पोस्ट खोली गयी जिसकी कोई मंज़ूरी सरकार से नहीं ली गयी. अप्वाइंटमेंट तक कर दी गयी, सैलरी भी दी गयी. अब जब इनका अटेंडेंस रजिस्टर मांगा गया तो रजिस्टर ही नहीं मिला. सिक्योरिटी गार्ड के नाम पर 40 हज़ार प्रति गार्ड के हिसाब से खर्च दिखाया गया. जबकि सरकार में भी एक गार्ड को 15 से 20 हज़ार रूपये दिये जाते है. ये बड़ी धांधली हुई है. फ़ीस जमा कर अपनी एफ़डी में डालते रहे.
और पढ़ें: दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार ने लोगों से दिवाली पर ये करने की अपील की
किस कॉलेज के द्वारा दिल्ली सरकार की अनुमति के बगैर कितने पैसे खर्च किये गए, यहां देखिए-
-DDU कॉलेज में करीब 50 करोड.
-केशव महाविद्यालय में करीब 30 करोड़
-शहीद सुखदेव कॉलेज में करीब 16 करोड़
-भगनी निवेदिता कॉलेज करीब 17 करोड़
-महर्षि बाल्मीकि कॉलेज में करीब 10 करोड़
इसे भी पढ़ें: दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार से कहा- एक्शन लें
कॉलेजों पर होगी कार्रवाई
मनीष सिसोदिया ने कहा कि साफ है कि कॉलेज के पास पैसा है लेकिन सही तरीक़े से खर्च करने की मंशा नहीं है. ये जो फ़्रॉड हो रहा है इस पर सरकार कार्रवाई करेगी. लीगल तरीक़े से भी इस पर एक्शन लिया जायेगा. कोविड क्राइसिस के दौरान भी इन कॉलेज ने क्यों पैसे को अपनी एफ़डी में लगा दिया, जबकि स्टाफ़ को सैलरी नहीं दी जा रही है, इस पर भी कार्रवाई होगी.
Source : News Nation Bureau