Amit Shah Meeting on Monsoon: देशभर में बढ़ती सियासत और मानसून की दस्तक के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार, 23 जून को दिल्ली में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. मानसून के आगमन के साथ ही देश के कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसके मद्देनजर इस बैठक का आयोजन किया गया.
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बाढ़ प्रबंधन की रणनीति, विशेषज्ञों की भागीदारी
इस बैठक में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह मंत्रालयों और विभिन्न विभागों के सचिव, जल संसाधन, नदी विकास और नदी संरक्षण के अधिकारी भी शामिल हुए. इसके अलावा पृथ्वी विज्ञान विभाग, पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के अधिकारी, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, एनडीएमए के सदस्य, एनडीआरएफ और आईएमडी के डायरेक्टर जनरल और संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे.
बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति
वहीं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को मानसून के दौरान भूस्खलन और भारी बारिश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, तमिलनाडु, केरल और जम्मू-कश्मीर में भी हाल के वर्षों में बाढ़ की स्थिति देखने को मिली है. इस समय, असम बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित है, जहां 19 जिलों में करीब 3.90 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं.
असम की बाढ़ की स्थिति, सरकारी प्रयास और चुनौतियां
आपको बता दें कि शनिवार को जारी एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. प्रभावित लोगों और जिलों की संख्या में कमी आई है, लेकिन बाढ़ के कारण दो और मौतों की सूचना मिली है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में दो मौतें हुई हैं, जिससे इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या 39 हो गई है.
बाढ़ प्रबंधन की दिशा में आगे के कदम
वहीं इस बैठक में बाढ़ से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई, जिसमें विभिन्न विभागों और एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई. गृह मंत्री अमित शाह ने सभी अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के लिए तत्पर रहने और आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए भी कहा.
तकनीकी सहयोग और नवाचार की आवश्यकता
इसके साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बाढ़ प्रबंधन के लिए तकनीकी सहयोग और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा. आईएमडी और पृथ्वी विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने मौसम पूर्वानुमान और बाढ़ की संभावना के बारे में जानकारी दी, जिससे बाढ़ प्रबंधन में मदद मिल सके. एनडीआरएफ और एनडीएमए के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बाढ़ प्रबंधन के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.
HIGHLIGHTS
- बाढ़ से नहीं बिगड़ें हालात इसलिए एक्शन में अमित शाह
- अमित शाह की अगुवाई से हुई हुई हाई-लेवल मीटिंग
- मॉनसून के भारी बारिश से बिगढ़ जाते हैं हालात
Source : News Nation Bureau