DUSU के पूर्व संयुक्त सचिव अक्षय कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली के मोरिस नगर थाने में उनके खिलाफ फर्जी दाखिले और फर्जी MA की डिग्री को लेकर केस दर्ज हुआ था. बता दें कि ये आरोप बुद्धिस्ट स्टडीज के HOD केटीएस सराओ ने लगाया था, जिसके बाद थाने में FIR दर्ज हई थी. तीस हजारी कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई. निचली अदालत से एंटीसिपेटरी बेल खारिज हुई जिसके बाद अक्षय कुमार ने ऊपरी अदालत का रुख किया.
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तीस हजारी कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में की थी अपील
अक्षय के तीस हजारी कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की. 25 नवंबर, 2019 को मामले पर सुनवाई हुई जिसके बाद 26 नवंबर 2019 को जांच से जुड़े तथ्य देखे गए. दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अभिषेक सोनकर ने सभी सबूत दिए. कोर्ट में ये साबित किया गया कि जब जब IO यानि जांच अधिकारी ने उन्हें बुलाया वो जांच के दौरान मौजूद रहे. फैसले को चुनौती देने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्षय कुमार की गिरफ्तारी और 82,83 प्रोसिडिंग पर रोक लगा दी है. हालांकि अक्षय के खिलाफ फर्जी डिग्री के मामले की जांच जारी रहेगी. अक्षय कुमार ने क्रांगेस के यूथ विंग NSUI की टिकट पर छात्रसंघ चुनाव लड़ा. साल 2011 में DUSU में संयुक्त सचिव के पद पर वो चुनाव जीते थे.
Source : News Nation Bureau