पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई. इस अवसर पर बीजेपी महासचिव और पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम, पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह भी उपस्थित थे. भगवा पार्टी का दामन थामते ही इंदरजीत सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद आज उनके दादाजी ज्ञानी जैल सिंह की मनोकामना पूरी हुई है. उन्होंने कहा, 'जिस तरीके से कांग्रेस ने उनके साथ सलूक किया, उनका दिल दुखाया, उनकी वफादारी का क्या सिला दिया... आप सब जानते हैं.'
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पंजाब में चल रही खींचतान का भी किया जिक्र
उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी वह उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे. पुरी ने इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सत्ता को लेकर चल रही खींचतान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार, केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, 'आवास योजना हो या आयुष्मान योजना, मुझे समझ नहीं आता कि राज्य सरकार इन्हें क्यों लागू नहीं कर रही है.' इंदरजीत सिंह का भाजपा में स्वागत करते हुए पुरी ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्हें बहुत खुशी हुई.
अगले साल पांच प्रदेशों में होने हैं चुनाव
बता दें कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने आप को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रही हैं. इसमें दूसरी पार्टी के बड़े चेहरों, जानी-पहचानी हस्तियों को अपनी तरफ मिलाने की कोशिशें भी जारी हैं. बता दें कि अगले साल पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर शामिल है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में उस समय के दिग्गज नेता मदनलाल खुराना के साथ कई रैलियों में शामिल हुए लेकिन तब पार्टी की सदस्यता नहीं ली थी. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके आमंत्रण पर वह भाजपा में शामिल हुए हैं और पार्टी जो भी दायित्व देगी, वह उसे पूरी लगन से पूर्ण करेंगे.
Delhi: Inderjeet Singh, grandson of former President Giani Zail Singh, joins BJP in the presence of Union Minister Hardeep Singh Puri. pic.twitter.com/ruFG4ecUnY
— ANI (@ANI) September 13, 2021
ज्ञानी जैल सिंह देश के सातवें राष्ट्रपति थे. इस पद पर पहुंचने से पहले वह विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके थे. उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट जिले में हुआ था. ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति बनने के बाद भी जब कभी पंजाब के आसपास होते थे तो वह आनंदपुर साहिब जाना नहीं भूलते थे. बाद में भी 1994 में तख्त श्री केशगढ़ साहिब जाते समय उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां उनका निधन हो गया था. ऑपरेशन ब्लू स्टार और डाक विधेयक सहित कुछ मुद्दों पर कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व से उनके मतभेद छिपे नहीं थे.
HIGHLIGHTS
- केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई
- कहा-पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी वह उसे पूरा करेंगे
- कहा-लंबे समय बाद दादाजी ज्ञानी जैल सिंह की मनोकामना पूरी हुई