केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को यहां देश की प्रथम ‘ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट’ (टीओडी) परियोजना की आधारशिला रखी. इसके तहत पूर्वी दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी के सबसे ऊंचे टावर सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र बनाया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि परियोजना--ईस्ट दिल्ली हब-- 30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली होगी, जो अगले साढ़े तीन बरसों में तैयार हो जाएगी. इसे पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित दिल्ली मेट्रो के दो स्टेशनों ब्लू और पिंक लाइन के आसपास विकसित किया जाएगा. इसमें एक बड़ा हरित क्षेत्र भी होगा. इसके अलावा 48 मंजिला सिग्नेचर टावर होगा जो परियोजना के प्रथम चरण के तहत बनेगा.
शाह ने अपने संबोधन में कहा, 'दिल्ली के लिए मोदीजी की जो परिकल्पना है उसे आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय क्रियान्वित कर रहा है और यह परियोजना देश की पहली टीओडी परियोजना होगी. इसके बाद दिल्ली समृद्ध होगी.' इस जमीन पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का मालिकाना हक है जिसने परियोजना के प्रथम चरण को क्रियान्वित करने के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को चुना है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'परियोजना में मिश्रित भूमि उपयोग होगा, 70 प्रतिशत आवासीय होगा, 20 प्रतिशत वाणिज्यिक होगा और 10 प्रतिशत नागरिक सुविधाओं के लिए होगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) तबके के लोगों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी. यह क्षेत्र दो मौजूदा मेट्रो स्टेशनों के आसपास विकसित किया जाएगा. एनबीसीसी द्वारा साझा की गई सूचना के मुताबिक 4,526 आवासीय इकाइयां बनाई जाएंगी. डीडीए ने निजी वाहनों पर सार्वजनिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए दिसंबर 2014 में ईस्ट दिल्ली हम परियोजना को मंजूरी दी थी.
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शाह ने कहा कि इस परियोजना का केंद्र की मौजूदा सरकार के शासनकाल के दौरान ही उदघाटन किया जाएगा. हब का डिजाइन तैयार करने वाली दिल्ली की वास्तुकला कंपनी सी पी कुकरेजा आर्किटेक्ट के अधिकारियों ने कहा कि पूरे इलाके में एक जैविक वृद्धि डिजाइन होगी. कंपनी के मुख्य वास्तुकार दिक्षु कुकरेजा ने कहा, 'टीओडी परियोजना की एक मुख्य विशेषता यह होगी कि इसके अंदर करीब 10 एकड़ का केंद्रीय व्यापक हरित क्षेत्र होगा. ' उन्होंने कहा, '48 मंजिला सिग्नेचर टावर (161 मीटर) दिल्ली का सबसे ऊंचा टावर होगा.' अधिकारियों ने बताया कि हब के अंदर स्कूल, दवाखाना, व्यायामशाला, सांस्कृतिक केंद्र और पुस्तकालय होंगे.
Source : Bhasha