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गवाक्ष... 'खुशियों की खिड़की' ने मनाया अपना चौथा स्थापना दिवस, असहाय बच्चों को मिल रही पहचान

गवाक्ष... 'खुशियों की खिड़की' आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अलग-अलग चीजें सीखाई जाती हैं

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Sushil Kumar
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गवाक्ष... 'खुशियों की खिड़की' ने मनाया अपना चौथा स्थापना दिवस, असहाय बच्चों को मिल रही पहचान
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खुद के लिए जीते तो सभी हैं, लेकिन दूसरों को खुशी देने वाले कम ही लोग होते हैं. उन्हीं में से एक नाम है अर्चना श्रीवास्तव का, जिन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय बच्चों के लिए 'खुशियों की खिड़की' खोली है. 'गवाक्ष...खुशियों की खिड़की' एक ऐसी संस्था है, जहां पर आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अलग-अलग चीजें सीखाई जाती हैं. बच्चों की रुचि को देखते हुए क्लासेज दिए जाते हैं. मसलन डांस, पेंटिंग, सिंगिग आदि बच्चों को सिखाया जाता है.

5 बच्चों के साथ शुरू हुआ प्रोजेक्ट

'गवाक्ष' ने अपना चौथा स्थापना दिवस रविवार को आईटीओ के नजदीक अमर कालोनी में मनाया. 'गवाक्ष' ने 9 जून 2019 को सफलतापूर्वक अपना चार साल पूरा कर लिया है. संस्थापक अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने यह प्रोजेक्ट 5 बच्चों के साथ शुरू किया था. अब 60 से अधिक बच्चे उनसे जुड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि हमने यह सफलता अपनी टीम के द्वारा कठिन परिश्रम और लगन से प्राप्त की है. 

अर्चना के मुताबिक 'गवाक्ष' एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के विचार के साथ जन्म लिया जो राष्ट्र की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हो. एक मजबूत संरचना बनाने से पहले एक मजबूत नींव बनाना बहुत अहम होता है और ये बच्चे हमारे राष्ट्र के भविष्य की नींव हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे की यात्रा लंबी है. मेहनत और समर्पण के साथ समाज को बेहतर बनाने की कोशिश जारी रहेगी.

समाज को भी बदलने का काम किया जाएगा

अर्चना श्रीवास्तव ने अपने आगे का प्लान के बारे में बताया कि 'गवाक्ष' गरीब बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ समाज को भी बदलने का काम शुरू करेगा. जो लोग शराब-गुटखे के आदी हैं, उन्हें उस लत से बाहर निकालने के लिए काम किया जाएगा. लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाएगा. जो लोग निरक्षर हैं उन्हें साक्षर करेंगे.

HIGHLIGHTS

  • गवाक्ष ने मनाया अपना स्थापना दिवस
  • गरीब बच्चों के चेहरे पर बिखेर रही मुस्कान
  • बच्चों को मिल रही है पहचान

Source : News Nation Bureau

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