GNCTD एक्ट में बदलाव संविधान के खिलाफ, दिल्ली सरकार के कामकाज में आएगा ये अंतर

दिल्ली सरकार को कोई भी फैसले लेने से पहले उपराज्यपाल से चर्चा करनी होगी. केजरीवाल सरकार कोई कानून खुद नहीं बना सकेगी. ऐसे में एलजी से अनुमति नहीं मिलने पर जनता के हितों से जुड़े कार्य आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार नहीं कर पाएगी.

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
Arvind Kejriwal

GNCTD एक्ट में बदलाव संविधान के खिलाफ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (जीएनसीटीडी) संसोधन बिल, संविधान के खिलाफ है. इससे दिल्ली सरकार के कामकाज पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा. इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. उपराज्यपाल ही दिल्ली की सरकार बन जाएंगे. संविधान के खिलाफ जाते हुए इस बिल से पुलिस, भूमि और पब्लिक आर्डर के अलावा अन्य शक्तियां भी एलजी को मिल जाएंगी. जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की शक्तियां कम कर बिल एलजी को शक्तियां प्रदान करेगा, यानि कि दिल्ली सरकार के बजाए उप राज्यपाल के निर्णय ही अहम होंगे.

यह भी पढ़ें : 1 मिनट में चार्ज होगी यह बैट्री, IIT दिल्ली के छात्रों ने किया अविष्कार

दिल्ली सरकार के पास नहीं बचेगा निर्णय का अधिकार

नए कानून के लागू होने से एलजी की शक्तियां बढ़ेंगी. दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास दिल्ली की जनता के हितों के लिए निर्णय लेने का अधिकार नही बचेगा. दिल्ली सरकार को जनता के हित के हर मुद्दे को पास करवाने के लिए एलजी से अनुमति लेनी होगी. प्रत्येक फाइल को मंजूरी के लिए उप राज्यपाल के पास भेजना होगा. 

यह भी पढ़ें : सीएम नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा की जोड़ी तेजस्वी यादव के लिए चुनौती!

फैसला लेने से पहले करनी होगी चर्चा

दिल्ली सरकार को कोई भी फैसले लेने से पहले उपराज्यपाल से चर्चा करनी होगी. केजरीवाल सरकार कोई कानून खुद नहीं बना सकेगी. ऐसे में एलजी से अनुमति नहीं मिलने पर जनता के हितों से जुड़े कार्य आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार नहीं कर पाएगी. दिल्ली सरकार के कार्यों को रिमोट उप राज्यपाल के पास होगा. उप राज्यपाल जो चाहेगा वही काम हो सकेंगे. 

यह भी पढ़ें : दमोह उपचुनाव पर सबकी नजर, 27 अप्रैल को होगा मतदान

मंत्रीमंडल को भी पहले लेनी होगी मंजूरी

नए कानून के बनने से केजरीवाल मंत्रीमंडल की भूमिका भी खत्म हो जाएगी. कैबिनेट में कोई भी फैसला लेने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी होगी. केजरीवाल सरकार को स्वोतंत्र रूप से फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा. 

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है स्पष्ट निर्णय 

दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के कार्यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तीन साल पहले आदेश दे चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से लाया गया बिल लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ होगा. 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 239 AA की व्याख्या करते हुए कहा था कि दिल्ली में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के पास 3 मुद्दों के अलावा राज्य और समवर्ती सूची के बाकी सभी मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार है. उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के लिए गए निर्णयों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे.

 

HIGHLIGHTS

  • 'जीएनसीटीडी संसोधन बिल, संविधान के खिलाफ है'
  • 'दिल्ली सरकार के पास नहीं बचेगा निर्णय का अधिकार'
  • नए कानून के बनने से केजरीवाल मंत्रीमंडल की भूमिका भी खत्म हो जाएगी
arvind kejriwal delhi cm arvind kejriwal केंद्र सरकार Constitution अरविंद केजरीवाल Delhi government Constitution of India Center government दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल GNCTD Act जीएनसीटीडी एक्ट
Advertisment
Advertisment
Advertisment