कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार सुबह पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर की प्रजापति कॉलोनी पहुंचे. यहां पर उन्होंने सैलून में अपनी दाढ़ी बनवाई और पूरे परिवार से मुलाकात की. सैलून मालिक अजीत ठाकुर ने इस बात को साझा किया. इस दौरान कुम्हार परिवार की रामरति तथा अन्य लोगों से मुलाकात की. उन्होंने अजीत ठाकुर के सैलून पर दाढ़ी बनवाई और रामरति के घर जाकर उनसे बर्तन बनाना सीखा. कांग्रेस सांसद ने अपने हाथों से दीए भी बनाए.
अजीत ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी किसी कार्यक्रम से गुजर रहे थे, मैं बाहर खड़ा था. अचानक उनकी गाड़ी रुकी और उन्होंने मेरी ओर ध्यान दिया. इसके बाद वे घबरा गया, क्योंकि मेरे सामने एक बड़े नेता खड़े थे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उनके हाथ मिलाया. इसके बाद पूछा, आप क्या काम करते हैं? तो उन्होंने संकोच में कहा कि वे कुछ खास नहीं करते. तब राहुल गांधी ने कहा, क्या मेरी दाढ़ी की सेटिंग करोगे? इसने मुझे थोड़ा सहज कर दिया और मैंने जवाब दिया, जरूर करेंगे.
राहुल गांधी के साथ बिताए गए 20 मिनट
अजीत ने कहा कि राहुल गांधी के साथ बिताए गए 20 मिनट ने उन्हें काफी प्रभावित किया. राहुल गांधी ने अजीत से उनके काम रोजगार और जिंदगी के बारे में कई सवाल पूछे. उन्होंने जानना चाहा कि अजीत की कमाई क्या है. दुकान का किराया कितना है और वह किस तरह से अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. अजीत ने बताया कि उनका व्यवसाय 1993 से चल जारी है. कोई भी नेता उनके पास इस तरह से नहीं रुका था.
राहुल गांधी ने हालात को समझते हुए आश्वासन दिया कि वह मदद कर सकते हैं. अजीत ने खुलकर अपनी कठिनाइयां बताई. राहुल गांधी ने कहा कि वह उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे. अजीत बोले, इस छोटी सी मुलाकात ने उन्हें आशा दिलाई. एक नेता केवल राजनीतिक आकांक्षाओं से नहीं भरा होता, बल्कि वह सामान्य लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने में भी रुचि रखता है.
घर की घंटी बजी और मैंने दरवाजा खोला
रामरति ने कहा कि वे कुम्हार कॉलोनी में रहती हैं. मेरे घर की घंटी बजी और मैंने दरवाजा खोला. तभी सामने राहुल गांधी खड़े दिखे. उस समय बच्चा भी साथ था. राहुल को देखकर वह दंग रह गईं. राहुल गांधी पूरी सिक्योरिटी के साथ सामने मौजूद थे. उन्होंने मुझसे कहा कि माता जी नमस्कार. मैंने राहुल को हमेशा से टेलीविजन पर देखा था. मगर जब मैंने सामने उन्हें सामने देखा तो मैं थोड़ा घबरा गई. उन्होंने मुझसे कहा कि माता मुझे दीये बनाना सिखाइए. मैंने उन्हें या बनाना सिखाया. उन्होंने तीन दीये भी बनाए. उन्होंने कहा कि इसे बनाना बेहद कठिन है. उन्होंने महसूस किया कि यह कठिन काम है. इस दौरान राहुल ने उनकी समस्याओं को सुना.
राहुल गांधी से मुलाकात करने वाली सीमा प्रजापति ने कहा कि वे इस कॉलोनी रहती हैं. उनका बचपन यहीं बीता है. उनका परिवार 1976 में राजधानी आया. तब से वे इस इलाके में रह रही हैं. राहुल गांधी आज मेरी मां से मिले. यह मेरे उनके एक बहुत बड़ा अवसर था.