सरकार ने चीन के कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर से 250 से अधिक भारतीयों को संभवत: बाहर निकालने के लिए कदम उठाने का सोमवार को फैसला किया. चीन और कई अन्य देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस संक्रमण से निपटने के लिए भारत की तैयारियों की समीक्षा की गई. बैठक में कई एहतियातन कदम उठाने का फैसला किया गया.
इसमें नेपाल की सीमा के पास एकीकृत जांच चौकियों के साथ साथ उन अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर लोगों की जांच आरंभ करने का फैसला किया गया जहां चीन से लोग आते हैं. अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्रालय वुहान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने को लेकर चीनी प्राधिकारियों से अनुरोध करेगा. एक सरकारी बयान में कहा गया, यह फैसला किया गया कि वुहान से भारतीय नागरिकों को संभवत: बाहर निकाने की तैयारी करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं.
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इसी के मद्देनजर विदेश मंत्रालय चीनी प्राधिकारियों से अनुरोध करेगा. चीनी प्राधिकारियों ने इस विषाणु को फैलने से रोकने के लिए वुहान के अलावा 12 अन्य शहरों को पूरी तरह सील कर दिया है. चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,744 लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. ऐसा बताया जा रहा है कि वुहान में 250 से 300 भारतीय छात्र रहते हैं जिसके कारण उनके कुशलक्षेम को लेकर चिंता पैदा हो गई है.
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बयान में कहा गया है कि नागर विमानन एवं स्वास्थ्य मंत्रालय क्रमश: परिवहन एवं लोगों को अलग रखने की सुविधाओं का प्रबंध करेगा. बैठक में यह भी फैसला किया गया कि नागर विमानन मंत्रालय विमानन कंपनियों को निर्देश जारी करेगा कि वे चीन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आने वाली सभी उड़ानों में किसी भी व्यक्ति के बीमार होने के बारे में सूचित करें और इससे संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित करें.