सोमवार को दिल्ली के रोहिणी स्थित एक सरकारी विद्यालय में बच्चों को 230 स्मार्टफोन दिए गए. खास बात यह है कि स्कूली शिक्षा में मददगार ये स्मार्ट फोन विद्यालय के प्राचार्य अवधेश कुमार झा और उपप्राचार्य भारती कालरा के प्रयास से इन जरूरतमंद बच्चों को प्राप्त हुए हैं. इनका वितरण नवीं से बारहवीं तक के जरूरतमंद बच्चों के बीच किया गया. इनमें 108 स्मार्टफोन का प्रबंध श्रीराम स्कूल, अरावली (गुरुग्राम) की दसवीं की छात्रा अविका दीवान ने किया है. विवेक तनेजा और कविता तनेजा ने अपने पुत्र शोभित की स्मृति में 60 स्मार्टफोन दिए. डॉ. सुरुचि मित्तर और अचला अली द्वारा स्थापित टाइम बैंक के तहत 62 एवं नोएडा के एक सीए फर्म से दस स्मार्टफोन प्राप्त हुए.
उपमुख्यमंत्री ने जरूरतमंद बच्चों के बीच स्मार्टफोन का वितरण करते हुए इसे अच्छाई का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने शिक्षा पर सबसे बुरा प्रभाव डाला है. स्कूल बंद होने पर ऑनलाइन पढ़ाई करानी पड़ी. हमारे शिक्षक क्लासरूम में बच्चों को अच्छी पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित हैं. इसके लिए प्रशिक्षित नहीं होने के बावजूद दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने अच्छी तरह ऑनलाइन क्लासों में योगदान करके हमें गौरवान्वित किया है. सिसोदिया ने कहा कि, "काफी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं होने के कारण ऑनलाइन क्लासेस में दिक्कत आ रही थी. ऐसे बच्चों की मदद के लिए समार्टफोन देकर सहयोग करने वाली संस्थाओं और नागरिकों ने अच्छाई को आगे बढ़ाया है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "मैं या मुख्यमंत्री अगर ऐसा सहयोग देने वालों की तलाश करें, तो हमारी सीमा है. लेकिन अगर हमारे प्रिंसिपल्स और टीचर्स अगर अच्छे लोगों की तलाश करें, तो हमें संसाधनों की कमी नहीं होगी. इस विद्यालय द्वारा 230 स्मार्टफोन का इंतजाम करना इनकी 'आउट ऑफ द बॉक्स' सोच का उदाहरण है." उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, "पिछले साल हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं थी. काम करने वाली ईमानदार सरकार के पास संसाधनों की कमी नहीं होती. उस वक्त हमने सभी बच्चों की परीक्षा फीस तक खुद भर दी थी. लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण हम सभी जरूरतमंद बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं करा सकते. ऐसे में खुद आगे आकर मदद करने वाले लोगों ने अच्छाई का परिचय दिया."
Source : News Nation Bureau