ग्रेटर नोएडा विकास प्रधाकिरण की तरफ से बिल्डरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद शाहबेरी के 27 बिल्डरों के खिलाफ बिसरख कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है. बिल्डरों के खिलाफ ये कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद की गई है. बताया जा रहा है कि प्राधिकरण ने नोटिस देकर इमारतों को गिराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है. इससे पहले प्राधिकरण ने डीएम और एसएसपी को चिट्ठी भी लिखी गई है. इस चिट्ठी में प्राधिकरण ने अनुरोध किया है कि इमारतों को गिराने के लिए एक तारीख तय कर दी जाए.
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खबरों के मुताबिक पिछले साल शाहबेरी में इमारतों के गिरने के बाद प्राधिकरण-प्रशासन ने यहां सर्वे कराया था जिसमें पता चला 1043 इमारतें ऐसी थी जिसे लोगों ने जमीन खरीद कर खुद बनाया है जबकि 450 इमारतें ऐसी हैं जिन्हें बिल्डरों ने बनाया. बिल्डरों द्वारा बनाई गईं इमारतों में कई इमारतें 5 मंजिला भी हैं. इसके अलावा 5 इमारतें व्यावसायिक हैं. प्राधिकरण की तरफ से इन सभी इमारतों को अवैध माना और इन्हें जल्द से जल्द गिराने का फैसला लिया. बता दें, प्राधिकरण ने 2009 में 155 हेक्ट्यर भूमि का अधिग्रहण किया था लेकिन किसानों ने इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट कोर्ट में चुनौती दी जिसके बाद भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया गया. लेकिन इसके बाद किसानों ने इन जमीनों पर खेती के बजाय इन्हें बिल्डरों को बेच दिया जिसके बाद बिल्डरों ने इस पप फ्लैट खड़े कर दिए. खबरों की मानें तो प्राधिकरण 30 बिल्डरों पर रासुका भी लगाएगा.
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ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में पिछले साल दो इमारतें ढह गईं थी जिसमें कई मासूम लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे हादसे दोबार न हो, इसके लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ये सख्त कदम उठाए हैं.