केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस. पुरी ने गुरुवार को कहा कि उन्हें दिल्ली सरकार से बसों और मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में बसों और मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा की थी. केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए पुरी ने कहा, 'आप ऐसा नहीं कर सकते कि पहले योजना की घोषणा कर दें और फिर उसे लेकर एक प्रस्ताव तैयार करें.' पुरी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास 50,000 करोड़ रुपये का बजट है, जिसका उपयोग उसने केंद्र की स्वच्छ भारत योजना या आयुष्मान भारत योजना में नहीं किया है, लेकिन मुफ्त सवारी के लिए 2,500 रुपये की सब्सिडी देना चाहती है. उन्होंने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में 11,000 बसों को अनिवार्य किया है, आज कितनी बसें हैं? मैंने संसद में कहा है कि हमें मेट्रो में बुजुर्गो और विद्यार्थियों के लिए सुविधा प्रदान करनी चाहिए और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन उसी के लिए एक तकनीक पर काम कर रहा है.'
इससे पहले विधानसभा चुनाव को नजर में रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो बड़े फैसलों का ऐलान किया था. एक तो पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरा की निगाह में लाया जाएगा. दूसरे डीटीसी बसों और मेट्रो में महिलाएं मुफ्त में यात्रा कर सकेंगी. हालांकि मेट्रो और बस की सब्सिडी किसी पर थोपी नहीं जाएगी. यह अलग बात है कि इस ऐलान के बाद दिल्ली सरकार पर 1200 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. इन कदमों को अगले दो-तीन महीने में ही अंजाम दिया जा सकेगा. इसके लिए अधिकारियों को पूरा ब्योरी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस फैसले का ऐलान करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार अच्छे काम करती आ रही है. इसके लिए किसी खास मुहूर्त की दरकार नहीं होती है. अभी दिल्ली सरकार के पास 700 करोड़ रुपए का कोष बाकी है. इससे दिल्ली के हित में और फैसले लिए जाएंगे. परिवहन सेवा को और मजबूत बनाने के लिए दिल्ली को तीन हजार बसों को सौगात और मिलेगी. सरकार की मंशा दिल्ली के लोगों को हर तरह की सुविधाएं देनी की है.
Source : IANS