दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कहा है कि राजधानी में पॉजिटिविटी रेट कल 14.24 फीसदी था. दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट अधिकतम 36 फीसदी गया था. अब कोरोना के केस 24 अप्रैल से धीरे-धीरे कम हो रहे हैं. दिल्ली में वैक्सीन की उपलब्धता बहुत कम है, कोवैक्सीन लगभग खत्म हो गई और कोविशील्ड दो-तीन दिन की है. उन्होंने कहा कि पहले 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेशों में भेजी गई, अब केंद्र सरकार हमें कह रही है कि हमने अपनी वैक्सीन बाहर भेज दी है, अब आप ग्लोबल टेंडर करके उसे वापस खरीदो. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में वैक्सीन की जो दो कंपनियां हैं उन्हें अनावश्यक मुनाफा कमाने का मौका दिया जा रहा है.
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सत्येंद्र जैन का कहना है कि राजधानी में वैक्सीन की बहुत कम उपलब्धता है. कोवैक्सीन लगभग खत्म हो गई है. जबकि 2 से 3 दिन की कोविशिल्ड बची है. सत्येंद्र जैन का कहा है कि देश में तीन वैक्सीन हैं, कोवैक्सीन, कोविशिल्ड और स्पुतनिक. ग्लोबल टेंडर के बाद भी ये तीन ही आ सकती हैं, जब तक बाकियों को इजाजत नहीं मिल जाती. उन्होंने कहा कि देश एक है, अगर राज्य अलग अलग टेंडर करेंगे तो वैक्सीन बनाने वाली वही कंपनियां सब को अलग अलग रेट देंगी. हम आपस मे लड़ेंगे कि हम ज्यादा रेट दे देंगे, हमें दे दो.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ग्लोबल टेंडर केंद्र सरकार को करना चाहिए. इसके अलावा कोवैक्सीन का फॉर्मूला शेयर करके देश में इतनी ज्यादा संख्या में वैक्सीन बनाई जा सकती है. पहले विदेशों को वैक्सीन भेज दी. अब कह रहे हैं कि विदेशों से खरीदों, ग्लोबल टेंडर करके, यह बड़ी अजीब सी बात है. उन्होंने कहा कि मैं एक चीज बताना चाहता हूं कि हिंदुस्तान में दो जो वैक्सीन कंपनियां हैं, उन्हें बिना बात के प्रॉफिट कमाने का मौका दिया जा रहा है. 150 की वैक्सीन जो केंद्र को दी जाती है, उसमें भी उनको प्रॉफिट है. छोटी छोटी कंपनियों को प्रॉफिट दिया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. केंद्र को रेट निर्धारित करना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि लोग अस्पताल और डिस्पेंसरी जाने से डर रहे हैं. स्कूलों में हमें अच्छा रिस्पांस मिला. अब जल्द ही 45 फीसदी के सेंटर्स भी स्कूलों में शिफ्ट कर देंगे. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन स्टोर करके हमें होडिंग थोड़ी करनी थी. हमारी खपत थी 700 टन की, जो अब कम हो गई है. आप अस्पतालों में जाकर ये पता कर सकते हैं. ऑक्सीजन मिल रही है और यूज हो रही है. उन्होंने कहा कि हमने तो कहा ही नहीं कि हमारे पास जमाखोरी के लिए जगह है.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली की 3 लहरों में आउटर के गांवों में बहुत कम केस देखने को मिले थे, लेकिन इसकी बारी है. लोग तो ये भी कह रहे हैं कि गांव तक पहुंचने का कारण लोग कुंभ में गए थे, वापस आए तो गांवों तक पहुंचा. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए बहुत सघन जांच की जा रही है. साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में 10 हजार से ज्यादा टेस्ट 1 दिन में हो रहे हैं.