रीउज ऐवन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनावाई को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. उनके भोजन और इंसुलिन वाली याचिका पर अब सोमवार यानि 22 अप्रैल को सुनावई होगी. इस दौरान केजरीवाल के वकील ने दलील दी कि अर्जी पर किसी तरह के जवाब की कोई जरूरत नहीं है. दूसरी ओर ED ने कहा कि AIIMS के डॉक्टर को केजरीवाल की सेहत की जांच करने दी जाए. इस पर केजरीवाल के वकील का कहना है कि हमको ED की सलाह की आवश्यकता नहीं है. ED का इस मामले से किसी तरह का लेना देना नहीं है. केजरीवाल के वकील ने कहा कि सीएम केजरीवाल के खाने को तीन बार जांचा जाता है तब उनको खाने के लिए दिया जाता है.
डाइट के बाहर का खाना क्यों केजरीवाल को देने दिया
दिल्ली सीएम के वकील ने कहा कि अदालत को जेल प्राधिकरण से पूछना होगा कि ED को केजरीवाल के खाने की एक-एक जानकारी किस प्राधिकरण के तहत दी गई. जेल प्राधिकरण ने किस अधिकार के तहत अदालत की ओर से सुझाए गए डाइट के बाहर का खाना क्यों केजरीवाल को देने दिया. इस पर जेल प्राधिकरण ने अदालत के समक्ष कहा कि जब केजरीवाल को जेल में लाया तब वे पहले से इंसुलिन ले रहे थे. मगर उसे खुद बंद कर दिया गया था.
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घर से बना खाना देने की किसी तरह की शर्त नहीं थी
दूसरी ओर जेल प्राधिकरण का कहना है कि केजरीवाल को घर से बना खाना देने की किसी तरह की शर्त नहीं थी. वे डाइट को फॉलो नहीं कर रहे हैं. इस दौरान एम्स के डॉक्टरों से भी राय मिली. इसके तहत उन्हें आम से परहेज करना होगा. जेल मैनुअल के तहत घर का बना हुआ खाना कैदी को नहीं दिया जा सकता है. ये तब संभव है जब कोर्ट की विशेष इजाजत मिले. प्राधिकारण का कहना है कि हमारा सुझाव है कि एम्स की रिपोर्ट के अनुसार, घर का बना खाना होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हमें इसके लिए सुझाव देना होगा. जेल मैनुअल के तहत घर का बना खाना नहीं होना चाहिए.
Source : News Nation Bureau