उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रशासन द्वारा उनका वेतन जारी किए जाने में विफल रहने के बाद रविवार को सेवाएं रोक दी. आरडीए ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर प्रशासन ने 48 घंटे के अंदर उनके वेतन का भुगतान नहीं किया तो वे सेवाएं रोक देंगे. यह समय सीमा रविवार की सुबह को समाप्त हो गई. आरडीए के अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने कहा, '' 200 से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर और 300 से अधिक नर्सिंग कर्मचारी पांच अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. प्रशासन ने पिछले तीन महीने से हमें वेतन नहीं दिया है. ऐसे में कार्य जारी रखना बेहद कठिन है.''
इससे पहले शनिवार को दिल्ली सरकार ने हिंदू राव अस्पताल के सभी कोविड-19 मरीजों को अपने अस्पतालों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया. वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश ने पलटवार करते हुए दावा किया था कि निगम को दिल्ली सरकार से करोड़ों रुपये का कोष नहीं मिल सका है और वे ''हमें असमर्थ करने के लिए कोष का भुगतान नहीं कर रहे हैं.'' उल्लेखनीय है कि हिंदूराव दिल्ली नगर निगम का सबसे बड़ा अस्पताल है जिसकी बिस्तरों की क्षमता 900 है और इस समय यह कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए समर्पित है. पहले अस्पताल के कई स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
Source : Bhasha