दिल्ली में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर यह है कि लोगों के संक्रमित होने की दर गिर कर 10.58 प्रतिशत पर आ गई है, जो करीब 37 फीसदी पहुंच गयी थी. हालांकि बुरी खबर यह है कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में 1589 गायब कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. स्वास्थ्य विभाग को ये गायब मरीज खोजे नहीं मिल रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन मरीजों ने जांच के दौरान गलत मोबाइल नंबर और पता लिखवाया था.
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सबसे ज्यादा फरीदाबाद में लापता
आंकड़ों के मुताबिक गायब मरीजों में दिल्ली के 180, नोएडा के 19, गाजियाबाद के 124, गुरुग्राम के 266 और फरीदाबाद एक हजार लोग शामिल हैं.। जांच में सामने आया है कि नमूने देने के दौरान इन लोगों ने मोबाइल नंबर और घर का पता गलत दिया था. संभवतः इस गड़बड़झाले से सबक लेते हुए अब कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पहचान पत्र अनिवार्य कर दिए गए हैं.
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तलाश में पुलिस कर रही मदद
गौरतलब है कि कोविड-19 सैंपल लेने से पहले आईसीएमआर एप पर मरीज की पूरी जानकारी को अपलोड किया जाता है. फिर मोबाइल नंबर के रजिस्ट्रेशन के बाद ओटीपी जनरेट होता है. ओटीपी डालने के बाद ही सैंपल लिया जाता है. उनके मुताबिक जो लोग गायब हैं उनमें ज्यादातर लोगों ने निजी लैब से जांच कराई थी. हालांकि ये सभी मामले शुरुआती समय के हैं. कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए इन गायब मरीजों की तलाश में स्वास्थ्य विभाग पुलिस की भी मदद ले रहा है.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली-एनसीआर में गायब हैं 1589 कोरोना पॉजिटिव मरीज.
- इससे सबक लेते हुए अब कोरोना जांच में आधार पत्र जरूरी.
- सबसे ज्यादा करीब एक हजार मरीज फरीदाबाद से गायब.