दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा कि प्रदूषण (Pollution) पर केंद्र सरकार (central government) ने दिल्ली, यूपी, राजस्थान, पंजाब की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सभी राज्यों ने अपनी बात रखी. ठंडी में प्रदूषण पर चर्चा हुई. प्रदूषण का दिल्ली पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. एक हफ्ते से एयर क्वालिटी मॉनिटर कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा में जब पराली जलनी शुरू होती है तो दिल्ली पॉल्युशन बढ़ जाता है. हमने पड़ोसी राज्यों से अपील की है कि सभी सरकारें बायो डी कम्पोज़र का युद्ध स्तर पर छिड़काव करें. महज किसानों को कैप्सूल न बांटा जाए, बल्कि जमीन स्तर पर काम किया जाए. दिल्ली सरकार जमीन पर खुद घोल तैयार कर रही है, केवल कैप्सूल बांटने से जमीन पर काम नहीं हो पाएगा. सरकारों को जमीन पर काम करना होगा.
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 1 हजार प्रति एकड़ लागत आ रही है जो सरकार वहन करेगी. खट्टर साहब 1 हजार उन्हें देंगे जो पराली नहीं जलाएंगे. एक चौथाई खर्च पर ही बायो डी कम्पोज़र तैयार हो जाएगा. अगर सरकार ये काम नहीं करती है तो दिल्ली फिर प्रदूषण की चपेट में आएगी.
उन्होंने आगे कहा कि हमने केंद्र सरकार से अपील की है कि NCR में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को CNG में किया जाए, ताकि पॉल्युशन कम हो सके. दिल्ली की प्रदूषित औद्योगिक इकाई पर काम किया गया है, जबकि दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं किया गया है. दिल्ली में 2 थर्मल पावर प्लांट बंद किए गए हैं. दिल्ली के आसपास ऐसे प्लांट चल रहे हैं या तो वो बंद किए जाएं या उन्हें तब्दील किया जाए. हरियाणा और यूपी में ईंट भट्ठे धड़ल्ले से चल रहे हैं, उनपर अंकुश लगना जरूरी है.
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गोपाल राय ने आगे कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में भी पटाखे बैन होने चाहिए. पश्चिमी यूपी और हरियाणा का पॉल्युशन दिल्ली को झेलना पड़ता है. इन राज्यों को जमीन पर टास्क फोर्स बनानी होगी, ताकि जमीन पर काम किया जा सके. इसके जरिये costruction के काम पर रोक लग सकती है. इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी को सभी राज्य अपनाएं, इसपर पड़ोसी राज्य पॉलिसी बनाएं. रेड लाइट पर वाहन बंद पर काम सभी राज्यों को करना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- प्रदूषण पर केंद्र ने दिल्ली, यूपी, राजस्थान, पंजाब की बैठक बुलाई थी
- अगर पड़ोसी राज्यों में पराली जलनी शुरू होती है तो दिल्ली पॉल्युशन बढ़ता है
- अगर सरकार ये काम नहीं करती है तो दिल्ली फिर प्रदूषण की चपेट में आएगी