Advertisment

दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण से सांस व आंखों के रोग में हुई बढ़ोतरी

दिवाली के बाद वायु प्रदूषण में हुए इजाफे के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है.

author-image
Deepak Pandey
New Update
दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण से सांस व आंखों के रोग में हुई बढ़ोतरी

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

दिवाली के बाद वायु प्रदूषण में हुए इजाफे के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में अधिकतर सांस की तकलीफ और आंखों की समस्याओं से घिरे लोग शामिल हैं. हवा की गति में कमी के कारण दिवाली के तीन दिन बाद बुधवार दोपहर दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) तेजी से बिगड़ गया.

यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में फंसा ये पेच: BJP 14 मंत्रालय देने को तैयार, लेकिन शिवसेना 18 पर अड़ी

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में सीनियर कंसल्टेंट अरविंद अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि दिवाली के बाद दिल्ली में स्मॉग खासकर बच्चों में बहुत सारी चिकित्सा समस्याएं लेकर आता है. हमारे अस्पताल में सांस और आंखों की समस्याओं वाले लोगों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. उन्होंने आगे कहा कि हमने ओपीडी में 20-22 फीसदी की वृद्धि देखी है, जहां मरीजों को आंखों और गले में जलन, शुष्क त्वचा, त्वचा की एलर्जी, पुरानी खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों को घर के अंदर रहने की कोशिश करनी चाहिए. धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में पल्मोनोलॉजी कंसल्टेंट नवनीत सूद के अनुसार, जब भी लोगों को आंखों में लालिमा, सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी और लगातार सिरदर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो तो उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. सूद ने कहा कि दिवाली के बाद दैनिक आधार पर 15-16 रोगी आ रहे हैं, जिनमें तीन-चौथाई मामले अस्थमा और पुरानी फेफड़े की बीमारी से संबंधित हैं.

यह भी पढ़ेंः गुजरात: मां हीरा बा से आशीर्वाद लेने गांधीनगर पहुंचे PM मोदी, कल इन कार्यक्रमों में करेंगे शिरकत

उन्होंने कहा, "दिवाली के बाद पहले दिन आने वाले मामले निश्चित रूप से पिछले वर्षों की तुलना में कम थे, लेकिन वे सामान्य ओपीडी के मुकाबले 25 फीसदी अधिक रहे." स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर-2019 की रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के मौजूदा उच्च स्तर में बढ़ने से दक्षिण एशियाई बच्चे का जीवनकाल दो साल और औसतन छह महीने तक कम हो सकता है. इसके अलावा वायु प्रदूषण गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से हानिकारक है.

मंगलवार को 2,577 जगह पर जलाई गई पराली

दिल्ली सरकार ने कहा है कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं. सोमवार को 1,654 जगहों पर पराली गई और मंगलवार को यह बढ़कर 2,577 जगह हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पराली जलाने की वजह से इस साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा दर्ज किया जा सकता है. उत्तर पश्चिम दिशा से हवा का बहाव जारी है, यही वजह है कि प्रदूषण के स्तर में काफी बढ़ोतरी हो गई है.

delhi pollution Air Pollution in Delhi Eye disease mmd
Advertisment
Advertisment