दिल्ली में 2014-15 में कुल 567 पानी के टैंकर चलते थे, वहीं 2021-22 में इनकी संख्या बढ़कर कुल 891 हो गई है. इसका खुलासा एक आरटीआई में हुआ है. इस आरटीआई को साझा कर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला और कहा, केजरीवाल को ठेके ही चाहिए. कट्टर ठेकेदारी, ये है दिल्ली मॉडल.
आरटीआई में एक सवाल पूछा गया कि 1 जनवरी 2015 व 31 दिसंबर 2021 को दिल्ली जल बोर्ड पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को की जाती थी, इनमें कितने टैंकर दिल्ली जल बोर्ड के अपने हैं और कितने किराए पर लिए गए हैं?
आरटीआई में इस सवाल के जवाब में कहा गया है कि 1 जनवरी 15 को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा कुल 567 टैंकरों से पानी की आपूर्ति उपभोक्ताओं को की जाती थी. इसमें से जल बोर्ड के अपने 83, किराए पर 484 पानी टैंकर चलते थे. 31 दिसंबर 2021 में कुल 891 टैंकरों से पानी की आपूर्ति हुई, इनमें से जल बोर्ड के 199 और किराए पर 692 टैंकर शामिल हैं.
इसके बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली से पानी के टैंकर खत्म कर दूंगा, लेकिन सच यह है कि 2014/15 में दिल्ली सरकार के अपने 83, किराए पर 484 पानी टैंकर चलते थे, यानी कुल 567 वहीं 2021/22 में सरकारी टैंकर 199 और किराए पर 692 यानी कुल 891, साफ है कि केजरीवाल को ठेके ही चाहिए. कट्टर ठेकेदारी, ये है दिल्ली मॉडल.
संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से कहा, इसके दो-तीन कारण हैं, हमारी सरकार के दौरान राजधानी में 920 एमजीडी पानी की कैपेसिटी छोड़ कर गए थे, इसके बाद दिल्ली में अलग-अलग तरीके से पानी आना था. अब ऐसा हो गया है कि पिछले 8 सालों में एक एमजीडी पानी बढ़ा नहीं है. जब आप ट्रीटमेंट की कैपेसिटी बढ़ाएंगे नहीं तो पानी सप्लाई नहीं कर सकते. पानी की कमी लगातार होती जा रही है.
दिल्ली जल बोर्ड के पास पैसा नहीं है, इस कारण सिस्टम ठीक नहीं हुआ और इस वजह से टैंकर के माध्यम से पानी जा रहा है.
दिल्ली के बाहरी इलाकों नरेला, बुराड़ी, जहांगीरपुरी में आपको निजी ट्रैकटर व पानी के टैंकर दिखेंगे. धीरे-धीरे टैंकर माफिया वापस आने लगा है जो पहले कुछ वक्त के लिए हटा था. पानी का माफिया कहीं भी बिना राजनितिक संरक्षण के नहीं चल सकता, इसमें किसका हाथ है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा, मुझे यह भी जानकारी मिली है कि दिल्ली जल बोर्ड के वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन से भी यह लोग पानी ले रहे हैं. मेरे पास तीन जगहों की रिपोर्ट है.
हालांकि इस आरटीआई से जुड़े सवाल पूछे जाने पर दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, मुझे लगता है पहले जो पानी टैंकर के माध्यम से दिया जाता था उसकी पहुंच बहुत दूर-दूर थी. उदाहरण के तौर पर संगम विहार में 15 से 20 दिनों में एक बार पानी दिया जाता था. लोग निजी पानी टैंकरों से पानी खरीदते थे, लेकिन यदि कहीं पानी की समस्या है तो एक अन्य माध्यम से जल्द पानी पहुंचाया जाए और लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
Source : IANS