केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने बताया कि भारत ने जुलाई में अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात समेत पांच देशों को 23 लाख निजी सुरक्षा उपकरणों (PPE Kit) का निर्यात किया. इससे देश को इन किट के वैश्विक बाजार में खुद की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिली है. इसमें कहा गया कि सरकार द्वारा निर्यात नियमों में ढील के बाद जिन देशों को पीपीई निर्यात की गयीं, उनमें सेनेगल और स्लोवानिया भी हैं.
मंत्रालय के अनुसार, आत्मनिर्भर भारत अभियान में निहित मेक इन इंडिया की भावना से देश पीपीई समेत अनेक चिकित्सा उपकरणों के मामले में आत्मनिर्भर बना है. केंद्र सरकार जहां पीपीई किट, एन95 मास्क और वेंटिलेटर आदि की राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों को आपूर्ति कर रही है, वहीं राज्य इन्हें सीधे भी खरीद रहे हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मार्च से अगस्त 2020 के बीच राज्यों ने अपने खुद के बजट प्रावधानों से 1.40 करोड़ स्वदेशी पीपीई किट खरीदी हैं.
यह भी पढ़ें-देश में कोरोना रिकवरी रेट बढ़कर 70 फीसदी हुआ, मृत्यु दर पहली बार दो फीसदी से कम: स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्र सरकार ने निशुल्क 1.28 करोड़ पीपीई किट बांटी
केंद्र सरकार ने इसी अवधि में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 1.28 करोड़ पीपीई निशुल्क बांटीं. मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि महामारी की शुरुआत में एन95 मास्क, पीपीई किट और वेंटिलेटर आदि समेत सभी तरह के चिकित्सा उपकरणों की वैश्विक स्तर पर कमी थी. उसने कहा कि कई उत्पादों का शुरुआत में देश में उत्पादन नहीं किया जा रहा था क्योंकि कई जरूरी घटक अन्य देशों से खरीदे जाने थे.
यह भी पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, देश में कोरोना की टेस्टिंग 2 करोड़ के पार
महामारी की वजह से बढ़ी पीपीई किट की वैश्विक मांग
महामारी के कारण बढ़ती वैश्विक मांग के चलते विदेशी बाजारों में इन संसाधनों की कमी आ गयी थी. मंत्रालय ने कहा कि महामारी को चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए अपने घरेलू बाजार को तैयार करने के अवसर में बदलते हुए स्वास्थ्य, कपड़ा, फार्मास्युटिकल्स मंत्रालयों, उद्योग संवर्धन और आंतरिक विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा अन्य के समन्वित प्रयासों से भारत ने अपनी खुद की उत्पादन क्षमता मजबूत की.