दिल्ली उच्च न्यायालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) में हिंसा की घटना की जांच तथ्य अन्वेषण समिति (Fact finding committee) से करवाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने के लिए बुधवार को सहमत हो गया. याचिका अधिवक्ता रिजवान ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष पेश की. अदालत ने इसे बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करने की इजाजत दी.
इस याचिका में छात्रों पर कथित रूप से गोली चलाने समेत पुलिस की कार्रवाई की न्यायिक जांच की मांग की गई है. इसमें घायल छात्रों को उचित चिकित्सीय उपचार और मुआवजा देने की भी मांग की गई है. अधिकारियों ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में जामिया विश्वविद्यालय (Jamia University) के निकट न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी (New Friends Colony) में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इसमें प्रदर्शनकारियों ने चार सरकारी बसों और पुलिस के दो वाहनों को आग लगा दी थी. इस घटना में छह पुलिसकर्मी और दो दमकलकर्मी घायल हो गए थे. यह घटना जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुई.
हालांकि छात्र संघ ने बाद में कहा कि हिंसा और आगजनी से उनका कोई लेनादेना नहीं है और प्रदर्शन में गड़बड़ी फैलाने के लिए कुछ तत्व इसमें घुस आए थे.
Source : Bhasha