जामिया नगर हिंसा मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी मोहम्मद हनीफ की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि इस माहौल में आरोपी को जमानत देना ठीक नहीं होगा. इससे हिंसा फिर भड़क सकती है. शांति और सद्भाव को ध्यान में रखते हुए आरोपी को अभी जमानत नहीं दिया जा सकता है. इससे माहौल फिर बिगड़ सकता है. क्षेत्र में शांति कायम के लिए आरोपी को अभी जमानत नहीं मिलेगी. कोर्ट ने आशंका जताई कि बेल पर बाहर आने के बाद आरोपी फिर वही व्यवहार दिखा सकता है, जो कि शांति के लिए अच्छा नहीं है.
बता दें कि रविवार से ही दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन जारी है. जामिया के छात्र समेत कई प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं मंगलवार को भी कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए. सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में कई जगह बसों में तोड़फोड़ की गई थी. भीड़ ने कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी की. पुलिस ने जब आंसू गैस के गोले छोड़े तो उनपर प्रदर्शनकारियों ने पत्थबाजी करने लगे. इससे हालात और तनावपूर्ण हो गए थे.
यह भी पढ़ें-राज्यपाल धनखड़ का ममता बनर्जी पर हमला, CAA संविधान का हिस्सा, CM इससे अलग नहीं, लागू करना ही होगा
सुलगी आग पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद हनीफ को हिरासत में लिया था. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गय़ा था. बता दें कि हिंसक प्रदर्शन में आरोपी हनीफ का भी हाथ है. दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था. हालांकि अभी हालात काबू में हैं. बुधवार के दिन किसी भी प्रकार के कोई अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दिया गया है. दिल्ली पुलिस हालात पर काबू पाने के लिए फ्लैग मार्च किया. लोगों को समझाया कि विरोध करना है तो शांति से करें. हिंसक प्रदर्शन न करें. इससे सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचता है.
यह भी पढ़ें- VIDEO: नोएडा में पाया गया 12 फीट लंबा और 25 किलो वजनी भयानक अजगर
बता दें कि उन्मादी भीड़ ने करीब 15 डीटीसी बसों को फूंक दिया. इस हिंसक प्रदर्शन में पुलिस समेत कई लोग घायल भी हुए. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. असामाजिक तत्वों ने हिंसा की घटना को अंजाम दिया है. दिल्ली के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही कहा है कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है.
Source : News Nation Bureau