जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच केस की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इस बीच जेएनयू के ट्रांसपेरेंसी अधिकारी चिंतामणि महापात्रा का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि हमारा लक्ष्य स्थिरता वापस लाना और सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करना है. प्रदर्शन कानून की सीमा के तहत और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए. इसी के साथ उन्होंन कहा कि मैं छात्रों से हॉस्टल मैनुअल और शुल्क वृद्धि के खिलाफ जारी प्रदर्शन को वापस लेने की अपील करता हूं.
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Chintamani Mahapatra,Rector-I/Transparency Officer,JNU: Our goal is to bring back stability&start semester registration process.Protests should be under limits of law&keeping interests of students in mind.Appeal to students to withdraw their strike(against hostel manual&fee hike) pic.twitter.com/8ByIHGraJV
— ANI (@ANI) January 7, 2020
बता दें, चिंतामणि महापात्रा का बयान ऐसे समय में सामने आया है जब दिल्ली के जेएनयू में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प की आंच अब अहमदाबाद पहुंच गई है. मंगलवार को अहमदाबाद में छात्र संगठन एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली. इसमें कुछ लोगों के चोटें भी आई हैं. पुलिस को स्थिति को काबू करने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा.
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वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने JNU हिंसा मामले में JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है. ये एफआईआर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने, सर्वर रूम को तबाह (4 जनवरी का मामला) करने को लेकर की गई है. ये एफआईआर जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद 5 जनवरी को दर्ज की गई है. बता दें कि रविवार को कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों की लाठी-डंडो व रॉड से पिटाई कर दी थी.