JNU के VC ने एक इंटरव्यू में कहा है, मैं कोड के खिलाफ हूं, हिजाब पहनना या , ना पहनना, इसका पूरा अधिकार सिर्फ उन छात्रों को है, जो हिजाब पहनती हैं, उनकी मर्जी हो तो वह हिजाब पहने और उनकी मर्जी ना हो तो वह ना पहनें. हिजाब पहनने या ना पहनने का अधिकार उन पर थोपा नहीं जा सकता है. साफ तौर पर जेएनयू की वीसी ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में वह ड्रेस कोड के खिलाफ है. हमारा देश कई संस्कृति से जुड़ा हुआ है. भाषा और परिधान हर संस्कृति में अलग-अलग पाए जाते हैं.शैक्षणिक संस्थान में अपने संस्कृती या धार्मिक परिधान पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं होनी चाहिए और ना ही कोई जबरदस्ती इन्हें मानने को कह सकता है.
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सभी शैक्षणिक संस्थानों में बातें होने लगी है
जेएनयू के इस बयान के बाद से ही लगभग सभी शैक्षणिक संस्थानों में बातें होने लगी है. क्योंकि जेएनयू की मौजूदा वीसी कई बार यह कह चुकी है कि वह संघ के काफी करीबी है. लिहाजा उनके बारे में छात्रों के बीच में यही आशंका थी कि वह संघ के विचारधारा से प्रेरित होकर कोई भी कार्य या बयान देती है, लेकिन हाल में जो उन्होंने हिजाब पर बयान दिया.
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सभी ने अपने वीसी के बातों का स्वागत किया है
इस पर जो छात्र या छात्र संघ उनके विरोध किया करते थे वह उनके पक्ष में आ गए हैं. जेएनयू के लेफ्ट समर्थक छात्र और NSUI छात्रों से हमने बातें की. सभी ने अपने वीसी के बातों का स्वागत किया है. साथ ही साथ छात्र संघ के प्रेसिडेंट धनंजय ने भी हिजाब के मामले पर VC के बयान का स्वागत किया है. हालांकि इस पूरे बयान पर एबीवीपी के छात्रों ने अपना पक्ष अभी तक नहीं रखा है.
Source : News Nation Bureau