दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 5 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट में कई चीजों का उल्लेख करने के लिए कहा है. पुलिस से पूछा गया है कि क्या शिकायतकर्ता द्वारा थाने में कोई शिकायत की गई है? अगर हां, तो क्या उक्त शिकायत पर कोई कार्रवाई की गई?
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इसके अलावा पूछा गया है कि इस संबंध में कोई जांच की गई है या नहीं. अगर जांच की गई है तो जांच-पड़ताल की स्थिति क्या है? इसके बाद पूछा गया है कि अगर कोई अपराध किया गया है, तो क्या कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं. कोर्ट ने अब इस मामले को 25 मार्च को सुनवाई के लिए प्रेषित कर दिया है. 5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के दौरान कुछ छात्रों व प्रोफेसरों के साथ मारपीट की गई थी. इन्हीं प्रोफेसरों में से एक सुचरिता सेन ने यह याचिका दायर की थी.
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उधर इस मामले में अदालत पहले ही एप्पल, वॉट्सऐप और गूगल को नोटिस जारी कर हिंसा के समय का डाटा सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. इस मामले में जेएनयू के तीन प्रोफेसरों ने कोर्ट से 5 जनवरी का सोशल मीडिया डाटा और सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की मांग की थी. मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट के बताया कि वह पहले ही इस मामले में 5 जनवरी की जेएनयू कैंपस की सीसीटीवी फुटेज की तलाश कर रही है लेकिन जेएनयू प्रशासन की ओर से उसे कोई फुटेज उपलब्ध नहीं कराई गई है.
Source : News Nation Bureau