जेएनयू परिसर में छात्रों पर हुए हमले के बाद देशभर में ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बीच इस मामले में नया अपडेट सामने आया है. दरअसल हिंदू रक्षा दल ने जेएनयू परिसर में हुए हमले की जिम्मेदारी ले ली है. खुद को हिंदू रक्षा दल का अध्यक्ष बताते हुए पिंकी चौधरी ने कहा है कि उनके कार्यकर्ताओं ने ही जेएनयू परिसर में जाकर हमला किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने ये भी कहा है कि जो भी देश विरोधी गतिविधि करेगा, उसके साथ यही अंजाम होगा. बताया जा रहा है कि पिंकी चौधरी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो डालते हुए इस घटना की जिम्मेदारी ली है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में दंगा करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की. प्राथमिकी के अनुसार छात्र बढ़े हुए छात्रावास शुल्क के विरोध में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. शिकायत में कहा गया,‘रविवार को दोपहर तीन बज कर 45 मिनट पर पुलिस निरीक्षक की अगुवाई वाली एक टीम को सूचना मिली कि पेरियार हॉस्टल में कुछ छात्र इकट्ठा हो गए हैं और उनके बीच झगड़ा हो रहा है. वे छात्रावास की इमारत में भी तोड़फोड़ कर रहे हैं.’
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पुलिस निरीक्षक की अगुवाई वाली यह टीम प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात थी. जानकारी मिलने पर पुलिस निरीक्षक पेरियार हॉस्टल पहुंचे और उन्होंने देखा कि 40 से 50 लोग हाथों में डंडे लिए थे और छात्रों को पीट रहे थे, छात्रावास में तोड़फोड़ कर रहे थे. इनमें से कुछ के चेहरे ढंके हुए थे. प्राथमिकी में आगे कहा गया,‘जेएनयू प्रशासन ने उन्हें विश्वविद्यालय के अंदर हिंसा को रोकने का आग्रह किया, जिसके बाद पुलिस परिसर के भीतर घुसी. अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को बुलाना पड़ा और छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की गई. पुलिस को हिंसा के संबंध में और पीसीआर कॉल प्राप्त हुईं.’
इसमें आगे कहा गया, ‘शाम सात बजे के करीब सूचना मिली कि साबरमती हॉस्टल में कुछ लोग घुस आए हैं और छात्रों को पीट रहे हैं. वहां 50 से 60 लोग हाथो में डंडे लिए हुए थे. उनसे तत्काल मारपीट बंद करने और परिसर से चले जाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इमारत में तोड़फोड़ जारी रखी और छात्रों के साथ मारपीट करते रहे. कुछ देर बाद वे भाग गए और घायल छात्रों को अस्पताल ले जाया गया.’ अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.
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वहीं दूसरी तरफ इस हमले के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं. दरअसल 2016 में जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने के बाद यहां की सुरक्षा काफी ज्यादा बढ़ा दी गई थी. यहां करीब 400 निजी गार्ड तैनात थे. ऐसे में लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि इतनी भारी मात्रा में सुरक्षा होने के बावजूद नकाबपोश बदमाश परिसर में कैसे घुस गए.
Source : News Nation Bureau