जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आईशी घोष ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने रविवार को जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा की निंदा की है. उन्होंने कुलपति को हटाने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने RSS और ABVP पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि यह हमला एक संगठित हमला था. जिसमें RSS और ABVP के गुंडे शामिल थे. चूंकि पिछले 4-5 दिनों से कैंपस में कुछ आरएसएस से जुड़े प्रोफेसरों और एबीवीपी द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा था.
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh: Yesterday's attack was an organised attack by goons of RSS and ABVP. Since past 4-5 days violence was being promoted in the campus by some RSS affiliated professors and ABVP. #Delhi pic.twitter.com/MY6kmB7DsU
— ANI (@ANI) January 6, 2020
उन्होंने शांति का मार्ग अपनाते हुए कहा कि छात्रों के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली प्रत्येक लोहे की छड़ को बहस और चर्चा द्वारा वापस दिया जाएगा. जेएनयू की संस्कृति कभी भी नहीं मिटेगी. जेएनयू अपनी लोकतांत्रिक संस्कृति को बनाए रखेगा. छात्रों के खिलाफ जितनी भी हिंसा हुई है. उसे जितने बुरे तरीके से पीटा गया है हम उसका जवाब डिबेट और डिस्कशन से देंगे.
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh: Every iron rod used against the students will be given back by debate and discussion. JNU's culture will not be eroded anytime soon. JNU will uphold its democratic culture. pic.twitter.com/Jtqa4UhaNo
— ANI (@ANI) January 6, 2020
रविवार को हुई हिंसा में बाहरी और नकाबपोशों के घुसने को लेकर बवाल मच गया है. बीजेपी के छात्रसंघ विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वाम दलों के छात्र संगठन आइसा और एसएफआई के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है. हिंसा में दोनों 34 छात्र घायल हो गए हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. उधर, जेएनयू हिंसा को लेकर मचे महासंग्राम के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने टि्वटर पर एक वीडियो शेयर किया है.
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वीडियो में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष नकाबपोशों के साथ नजर आ रही हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ऐसा दावा किया है. उधर, जेएनयू हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए साबरमती हॉस्टल के वार्डन आर मीणा ने इस्तीफा दे दिया है. आर मीणा ने कहा, छात्रों की सुरक्षा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी थी और वह इसमें असफल रहे. इससे पहले JNU में एक दिन पहले हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कर ली है.
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दूसरी ओर, अस्पताल में भर्ती 23 घायल छात्रों को छुट्टी दे दी गई है. जेएनयू में हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के पास तीन शिकायतें आई थीं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें JNU की हिंसा पर कई शिकायतें मिली हैं, जिनपर हम जांच शुरू करेंगे. JNU हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह करेंगी. उनके नेतृत्व में 4 इंस्पेक्टर और दो एसीपी भी जांच टीम में शामिल होंगे. जेएनयू हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात भी की. अमित शाह ने उपराज्यपाल से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता करने को कहा है.
Source : News Nation Bureau