Noida-Gurugram Rapid Train: दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी ट्रैफिक की झेलनी पड़ती है. रोजाना काम और दफ्तर के लिए आने-जाने वाले लोगों को घंटों ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है. जो लोग दिल्ली मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भारी भीड़ झेलनी पड़ती है, लेकिन जल्द ही दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत मिलने वाली है.
मिनटों में तय होगा नोएडा से गुरुग्राम तक का सफर
ग्रेटर नोएडा से लेकर गुरुग्राम तक के लिए नया रीजनल रैपिड ट्रांजिम सिस्टम कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है. इस रैपिड ट्रेन के शुरू होने के बाद लोग घंटों का सफर महज कुछ ही मिनटों में तय कर सकेंगे. ग्रेटर नोएडा से लेकर गुरुग्राम तक के लिए नया रीजनल रैपिड ट्रांजिम सिस्टम कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है. इस रैपिड ट्रेन के शुरू होने के बाद लोग घंटों का सफर महज कुछ ही मिनटों में तय कर सकेंगे समय के साथ-साथ यात्रा काफी सस्ती भी पड़ेगी. जिस कैब के लिए हजारों रुपये देने पड़ते हैं, इसके लिए महज चंद रुपये देने पड़ेंगे.
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60 किलोमीटर लंबा बनेगा कॉरिडोर
नया रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर से लेकर फरीदाबाद के बाटा चौक और गुरुग्राम से जुड़ा रहेगा. इस करीब 60 किलोमीटर की दूरी कवर करेगी. जिसमें कुल 8 स्टेशन होंगे. इसके तहत ना सिर्फ दिल्ली एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी बल्कि इससे समय भी बचेगा. इस परियोजना की लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है. मौजूदा समय में नोएडा से गुरुग्राम तक का सफर तय करने में 1.5-2 घंटे लग जाते हैं. वहीं, त्यौहार के दिन तो यह समय 2-3 घंटे तक पहुंच जाता है. वहीं, रैपिड ट्रेन के शुरू होते ही लोगों का काफी समय बचेगा.
2029 तक ट्रेन सेवा होगी शुरू
इस परियोजना के निर्माण में करीब 5 साल का समय लग सकता है. RRTS के अधिकारियों की मानें तो 2029 तक ट्रेन की सेवा शुरू हो जाएगी. इसे यात्रियों की दृष्टि से बड़े बदलाव के रूप में देखी जा रही है. जिस तरह से बढ़ती गाड़ियों से राज्य में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. इस रैपिड ट्रेन से प्रदूषण पर भी काबू पाया जा सकेगा. दिल्ली एनसीआर के बीच कनेक्टिविटी और भी सरल हो जाएगा. फिलहाल इस पर काम चल रहा है.