दिल्ली (Delhi) में अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Govt) की ओर से जल्दबाजी में 30 दिन के भीतर एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाने पर देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी सीएजी (CAG) ने बड़े सवाल खड़े किए हैं. कहा है कि इस तरह धनराशि खर्च करना वित्तीय नियमों के सरासर खिलाफ है. CAG ने साल भर तक कई मदों में धनराशि खाते में डंप होने और फिर वित्तीय वर्ष खत्म होने का समय आने पर अचानक खर्च किए जाने पर सरकार की खिंचाई की है. आईएएनएस के पास मौजूद सीएजी रिपोर्ट में स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर विकास, समाज कल्याण सहित 26 मदों में नियमों के परे जाकर धनराशि खर्च करने को लेकर दिल्ली सरकार (Delhi Govt) पर सवाल उठाए गए हैं.
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CAG ने दिल्ली सरकार के 2017-18 के बीच वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) पर यह रिपोर्ट जारी की है. इसमें पेज 32 में कहा गया है, "जनरल फाइनेंशियल रूल (जीएफआर) 56 कहता है कि वित्तीय वर्ष के आखिरी महीनों में अचानक पूरा बजट खर्च करने की प्रक्रिया वित्तीय नियमों के खिलाफ है. इससे बचना चाहिए. बावजूद इसके 2017-18 की अंतिम तिमाही में कुल 26 मदों में भारी धनराशि खर्च की गई."
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CAG ने आगे कहा है कि ऑडिट के दौरान पता चला कि 2017-18 में 26 मदों में कुल 1,404.51 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें से 1101.26 करोड़ रुपये अंतिम तिमाही (जनवरी, फरवरी और मार्च) में खर्च हुए. इसमें से सिर्फ एक महीने यानी मार्च, 2018 में ही 1064.55 करोड़ रुपये खर्च किए गए. सीएजी ने कहा है कि अंतिम तिमाही और खासतौर से मार्च में इतनी जल्दबाजी में खर्च हुई धनराशि से पता चलता है कि नियमों का पालन नहीं हुआ. CAG की यह रिपोर्ट लोकसभा में 2 दिसंबर को पेश की गई.
Source : आईएएनएस